पटना

जिलाधिकारी अपने जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता पहुंचाए : नीतीश


सीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण

पटना (आससे)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, मधेपुरा, नालंदा, नवादा एवं पटना जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर, नावकोठी, खगड़िया जिले के खगड़िया, गोगरी, मधेपुरा जिले के आलमनगर, भागलपुर जिले के खरीक, रंगरा, पीरपैंती, गोपालपुर, सबौर, नालंदा जिले के रहुई, गिरियक, बिहारषरीफ, नवादा जिले के कौवाकोल, गोविंदपुर, नवादा तथा पटना जिले के सम्पतचक एवं दनियावां प्रखण्ड का हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस एवं मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वेक्षण के पश्चात् 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन विमाग एवं जल संसाधन विभाग के साथ समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, मधेपुरा, नालंदा, नवादा एवं पटना जिले के जिलाधिकारी भी जुड़े हुए थे। बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने हवाई सर्वेक्षण के दौरान जिलावार प्रखंडों, नदियों की स्थिति की जानकारी दी।

बैठक में बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, मधेपुरा, नालंदा, नवादा एवं पटना जिले के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में बाढ़ की स्थिति एवं इससे बचाव को लेकर जिले में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। जिलाधिकारियों ने वर्षापात की स्थिति, नावों की स्थिति, ड्राई राशन एवं दवा की उपलब्धता, शरण स्थलों को चिहिन्त करना एवं तटबंधों की निगरानी संबंधी कार्यों की भी जानकारी दी। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आपदा राहत कार्यों के संबंध में जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जून माह में ज्यादा वर्षा हुयी है लेकिन जुलाई माह में अब तक ज्यादा वर्षा नहीं हुई है। पिछले माह के वर्षा के कारण कुछ जिलों में बाढ़ की भी स्थिति बनी। कुछ दिन पहले भी कुछ जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था। आज भी 7 जिलों के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया और वस्तु स्थिति से अवगत हुआ।

मुख्यमंत्री ने निर्देष देते हुये कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लें। उसके आधार पर आंकलन करें और जहां भी सहायता की जरुरत हो तत्काल उपलब्ध करायें। सभी चीजों का सही से आकलन होने पर आपदा पीड़ितों को सहायता पहुॅचाने में सहूलियत होती है। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि कार्य में काफी नुकसान हुआ है। इसका ठीक से आकलन करें ताकि उन्हें सहायता पहुंचायी जा सके।

जिलों में वर्षापात की स्थिति के साथ-साथ बाढ़ की संभावित स्थिति के अन्य कारकों पर भी पूरी नजर बनाये रखें और पूरी तरह से सतर्क रहें। आगे की परिस्थिति के लिये भी पूरी तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर को बाढ़ से सुरक्षा के लिये जरूरी उपाय करें। झारखण्ड एवं नेपाल में अधिक वर्षापात की स्थिति पर राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनती है। सभी संबंधित जिलों के जिलाधिकारी इसे लेकर भी सतर्क रहें। पटना के टाल इलाके का निरीक्षण कर विषेष नजर बनाये रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के रिलिफ के लिए हम सबको काम करना है, उन्हें हर प्रकार से मदद करनी है। जो राहत कैंप बनाए गए हैं वहां पर कोरोना जांच और टीकाकरण कार्य अवश्य कराएं। जो कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं उनके रहने एवं देखभाल की अलग से व्यवस्था कराएं।

बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी तथा बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, मधेपुरा, नालंदा, नवादा एवं पटना जिले के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे।