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झारखंड के विधायकों के रायपुर में ठहरने पर एक दिन में खर्च हो रहे 35 लाख रुपये


रायपुर, । Jharkhand Political Crisis: झारखंड के विधायकों के रायपुर (Raipur) के मेफेयर रिजार्ट में रुकने और खाने पीने पर एक दिन में करीब 35 लाख रुपये खर्च हो रहा है। रिजार्ट में एक कमरे का किराया 25 हजार से लेकर सवा लाख रुपये तक है। झारखंड (Jharkhand) के विधायकों के लिए रिजार्ट में 50 कमरों को बुक कराया गया है। रिजार्ट प्रबंधन की मानें तो कांग्रेस की बैठक में शामिल होने वाले अतिथियों के लिए रूम बुक कराया गया है। इसका पूरा खर्च कांग्रेस वहन कर रही है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह खर्च छत्तीसगढ़ कांग्रेस कर रही है या कांग्रेस का केंद्रीय संगठन।

ये नेता कर रहे विधायकों की आवाभगत

विधायकों की आवभगत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल और गिरीश देवांगन को लगाया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद भी विधायकों के संपर्क में हैं। मेफेयर ग्रुप के देशभर में 12 लक्जरी होटल व रिजार्ट मेफेयर ग्रुप के देशभर में 12 लक्जरी होटल, रिजार्ट और क्लब हाउस हैं। ग्रुप के चेयरमैन दिलीप राय ओडिशा के राउरकेला से भाजपा के विधायक और सांसद रहे हैं। वह केंद्र में मंत्री भी थे। 2019 में उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी। ग्रुप के पुरी, दार्जिलिंग, भुवनेश्वर, गंगटोक, गोवा, गोरखपुर, कलिमपोंग, सिलीगुड़ी और रायपुर में रिजार्ट हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों में कुछ और होटल भी हैं।

रांची लौटे पांच मंत्री और तीन विधायक, नहीं आए सोरेन

झारखंड से छत्तीसगढ़ पहुंचे पांच मंत्री और तीन विधायक बुधवार शाम रांची (Ranchi) के लिए रवाना हो गए। गुरुवार को सोरेन कैबिनेट की बैठक है। इस बैठक में शामिल होने के लिए मंत्री रवाना हुए हैं। रांची रवाना होने से पहले स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार अभी भी अपना काम कर रही है।

आलम ने भाजपा पर साधा निशाना

गुरुवार को कैबिनेट की बैठक है, जिसमें हम सब शामिल होंगे। आलम से जब यह सवाल किया गया कि सभी विधायक रायपुर क्यों आए हैं, तो आलमने कहा कि खबरों के कारण ही हम लोग रायपुर आए हैं। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोआ में भाजपा जो कर रही है, वही झारखंड में भी करना चाहती है। हमारे मुख्यमंत्री को अयोग्य कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने क्या निर्णय दिया, यह बताया नहीं जा रहा है। हमें कोई डर नहीं है, हमारे पास संख्या है। बुधवार शाम को चर्चा थी कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी रायपुर पहुंच रहे हैं, लेकिन वह नहीं आए।

झारखंड में राजनीतिक संकट खत्म नहीं हुआ तो रायपुर आ सकते हैं हेमंत सोरेन 

बुधवार को विधायक प्रदीप यादव और मंत्री सत्यानंद भोक्ता रायपुर पहुंचे। उसके बाद शाम को मंत्री आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, बाना गुप्ता, रामेश्वर ओरांव, बादल पत्रालेख के साथ विधायक राहुल प्रताप, गजनाफर इमाम, संजय कुमार वापस लौटे हैं। सूत्रों की मानें तो झारखंड में राजनीतिक संकट अगर एक-दो दिन में खत्म नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक दिन के लिए रायपुर आ सकते हैं। वे यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मुलाकात करेंगे।