सम्पादकीय

टीकाकरणके बाद भी मास्क जरूरी


प्रशांत दास

हम सभी कोरोना टीकाकरण अभियानके प्रारंभ होने तथा चरणवार तरीकेसे स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्तिके कर्मियोंको टीका दिये जानेके बारेमें पढ़ और सुन रहे हैं। लेकिन क्या इसका अर्थ यह निकाला जाये कि कोरोना महामारी समाप्त हो चुकी है। संक्षेपमें यदि कहें तो इसका उत्तर है नहीं! इसलिए यह जरूरी है कि अभी हम मास्क पहनना जारी रखें तथा कोरोनाको संपूर्ण रूपसे परास्त करनेके लिए कोविड प्रोटोकॉलका पालन करें, भले ही आपका टीकाकरण क्यों न हो गया हो! जैसा कि हम जानते हैं कि कोविडकी वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्तिके कर्मियों तथा ५० वर्षसे अधिक आयुके व्यक्तियोंको दी जा रही है। इसके बाद यह ५० वर्षसे कम आयुके उन व्यक्तियोंको दी जायेगी, जो बीमारियोंसे ग्रस्त हैं। अंत मेंए बाकी लोगोंका टीकाकरण किया जायेगा। कोरोना संक्रमणसे बचने और इसके प्रसारको रोकनेका सबसे अच्छा तरीका वायरसके संपर्कमें आनेसे बचना है। वायरस मुख्य रूपसे व्यक्तियोंके एक-दूसरेके निकट संपर्कमें आनेसे फैलता है। जब एक संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है या बातचीत करता है तो उस स्थानपर रेसपिरेटरी ड्रॉपलेट पैदा हो जाते हैं और अन्य लोग जो उस वातावरणमें सांस लेते हैं, वह उस ड्रॉपलेटके संपर्कमें आकर कोरोना संक्रमित हो जाते हैं। इसके अलावा सतहोंको छूने, जैसे कि दरवाजेके हैंडल या टेबल इत्यादि जहां संक्रमित ड्रॉपलेट होनेकी संभावना रहती है, उसे छूकर यदि मुंह, नाक या आंखोंको छुआ जाये तो संक्रमित होनेका खतरा रहता है। इसीलिए वर्तमान परिस्थितिमें संक्रमणके खतरेको कम करनेके लिए यह जरूरी है कि बचावके उपायोंको अपनाया जाये, जैसे कि दो गजकी शारीरिक दूरीका पालन करना अनिवार्य है। साथ ही उन स्थानोंसे दूर रहा जाये, जहां शारीरिक दूरीको सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा सही तरीकेसे मास्क पहनने तथा हाथों एवं श्वसनकी स्वच्छताको सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। यहांपर एक बात ध्यान रखनेकी है कि टीकाकरणके बाद हमारे मनमें मास्कको फेंकनेका ख्याल आ सकता है, लेकिन हमें ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि टीका लेनेके बाद शरीरमें रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होनेमें कुछ समय लगता है, इसलिए इस दौरान यदि लापरवाही बरती गयी तो संक्रमणका खतरा हो सकता है। खासकर उन लोगोंको विशेषकर यह सलाह दी जाती है जो कोरोना संक्रमित तो हैं लेकिन उनमें इसके कोई लक्षण नहीं दिखते ऐसे लोगोंके लिए यह जरूरी है कि वह मास्क पहनें तथा शारीरिक दूरीके नियमोंका पालन करें, ताकि कोरोना संक्रमणके प्रसारको रोका जा सके।

विश्व स्वास्थ्य संघटन (डब्ल्यूएचओ) और यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की सिफारिशके मुताबिक मास्कका इस्तेमाल व्यापक रणनीति तथा संक्रमणके प्रसारको रोकने एवं जीवन बचानेके उपायके तौरपर किया जाना चाहिए। इस दिशा-निर्देशके मुताबिक जब आप मास्क पहनते हैं तो आप खुदके अलावा दूसरोंकी भी रक्षा करते हैं। मास्क बहुत अच्छा काम करता है जब हर कोई इसे पहनता है। अक्सर देखा जा सकता है कि बाजारोंमें लोग शारीरिक दूरीके नियमोंका पालन नहीं करते हैं और अधिकतर लोग बिना मास्कके ही घूमते रहते हैं। हमें खुदको तथा अपने आसपासके लोगोंको यह समझानेकी जरूरत है कि मास्कके उपयोगसे न केवल वह खुदको, बल्कि अपने परिवारको भी सुरक्षित रख सकते हैं। यह समय आत्मसंतुष्ट होनेका नहीं है। हम भाग्यशाली हैं कि हमारे यहां संक्रमणकी दर उन देशोंके मुकाबले कम है, जहां अब भी लॉकडाउनकी स्थिति है। लेकिन हमें लापरवाह नहीं होना चाहिए और कोविड बचावके नियमों एवं व्यवहारोंकी भी अवहेलना नहीं करनी चाहिए। कई लोगोंने सार्वजनिक समारोहों एवं बाजारोंमें शारीरिक दूरी एवं सुरक्षा उपायोंके नियमोंके पालन तथा मास्कके उपयोगको बंद कर दिया है।

टीकाकरण अभियानकी शुरुआतके कारण शायद लोग सावधानी बरतनेके प्रति लापरवाह हो गये हैं। कई ऐसे लोग भी मिल जायेंगे, जिन्होंने कहना शुरू कर दिया है कि कोरोना संक्रमणका खतरा अब खत्म हो चुका है। जब मैं लोगोंसे मास्क पहननेका आग्रह करता हूं तो उनकी प्रतिक्रिया हैरान करनेवाली होती है। वे कहते हैं, कोरोना कहां है। अब यह समाप्त हो चुका है। लेकिन दूसरी ओर चिकित्सा विज्ञान, विशेषज्ञ तथा सरकार इस बातपर लगातार जोर दे रहे हैं कि वैज्ञानिक तथ्यों एवं प्रमाणोंके आधारपर अभी मास्क पहनना ही समझदारी है। एक जिम्मेदार नागरिकके रूपमें हमें एक साथ आकर मास्क पहनने, हाथोंको धोने, भीड़भाड़वाली जगहोंसे बचने तथा शारीरिक दूरीके नियमोंके पालन एवं इसके महत्व और प्रासंगिकताके बारेमें लोगोंको बताना चाहिए। कोरोना वैक्सीनके लिए अपनी बारीका इन्तजार करते हुए तथा इसे लेनेके बाद भी हमें मास्क पहनना नहीं छोडऩा चाहिए तथा कोविडसे बचावके लिए उचित व्यवहारका पालन करना जारी रखना चाहिए। इसके अलावा हमें हेल्थ वर्कर्सके साथ भी सहयोग करना चाहिए, जो पिछले साल मार्चसे लगातार हमारी सुरक्षाको सुनिश्चित करनेके लिए अथक प्रयास और श्रम कर रहे हैं।