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टीकों की वैश्विक असमानता को दूर करने के लिए एक प्रभावी तंत्र की जरूरत,


  • दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप अब हल्का पड़ रहा है, तो वहीं, वैक्सीनेशन अभियान में तेजी आ रही है। लेकिन अभी भी कई देश ऐसे है, जहां पर अन्य देशों के मुकाबले में काफी मात्रा में टीकाकरण हुआ है, जो सामान्य तौर असमानता को दर्शाता है। कोविड-19 टीकों की वैश्विक असमानता को दूर करने के लिए एक प्रभावी तंत्र की जरूरत पर जोर देते हुए भारत ने कहा कि वायरस के स्वरूप में और बदलाव को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान की आवश्यकता है और वैश्विक समुदाय के साथ अपना ‘कोविन’ मंच साझा करने की पेशकश की।
    फ्रांस की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बंद कमरे में कोविड-19 स्थिति पर प्रस्ताव 2565 पर सोमवार को चर्चा की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने ट्विटर पर बताया कि सुरक्षा परिषद में कोविड-19 पर चर्चा में उन्होंने कहा कि टीके की वैश्विक असमानता को दूर करने के लिए एक प्रभावी तंत्र और वायरस के स्वरूप में और बदलाव को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान की जरूरत है।
    उन्होंने कहा कि टीके को लेकर लोगों की गलतफहमियों को दूर करने के लिए तथ्यों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, साथ में भारत ने कोविन मंच की पेशकश भी की। उन्हेांने बताया कि कोविड रोधी टीकाकरण के लिए कोविन भारत का प्रौद्योगिकी मंच है। इस महीने के शुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोविन को एक खुले साधन के तौर पर तैयार किया जा रहा है ताकि यह सभी देशों के लिए उपलब्ध हो।