कैबिनेट के फैसले:
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- सीपेट का व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र भागलपुर में होगा शिफ्ट
- वाहन दुर्घटना में मृतकों के आश्रितों को मुआवजा के लिए रिवॉल्विंग फंड
- पॉल्यूशन बोर्ड में अध्यक्ष, सदस्य एवं सदस्य सचिव के लिए सर्च कमेटी
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(आज समाचार सेवा)
पटना। सरकार ने कोविड-१९ के दौरपन लॉक डाउन एवं प्रतिबंधों के आलोक में टैक्स डिफॉल्टर वाले वाहन मालिकों को वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का लाभ देगी। सीपेट का व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना, भागलपुर को-ऑपरेटिव स्पीनिंग मिल भागलपुर के परिसर में करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष, सदस्यों के मनोनयन तथा सदस्य सचिव की नियुक्ति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सर्च कमेटी के गठन का फैसला लिया गया है। सह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लिया गया है।
शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि सीपेट औद्योगिक क्षेत्र हाजीपुर का व्यावसायिक प्रशिक्षण की स्थापना, भागलपुर को-ऑपरेटिव स्पीनिंग मि भागलपुर के परिसर में किया जायेगा। इसके स्थापना पर ४०.१० करोड़ की स्वीकृति एवं चालू वित्तीय वर्ष में १० करोड़ का सहायक अनुदान जारी करने पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दी है।
उन्होंने बताया कि कोविड १९ के कारण लागू लॉकडाउन एवं प्रतिबंधों के आलोक में टैक्स डिफॉल्टर हो रहे परिवहन वाहनों को बिहार राज्य में निबंधित कर प्रमादी परिवहन, गैर परिवहन वाहन, ट्रैक्टर, ट्रेलर, बैट्री चालित वाहन को बकाया पथ कर, हरित कर, एक मुश्त जमा करने पर अर्थदंड, ब्याज से विमुक्ति तथा उपर्युक्त सभी प्रकार के अनिबंधित वाहनों बीएस फोर को छोड़ कर को एक मुश्त पथ कर जमा करने पर और वाहन व्यावसायियों द्वारा बकाये व्यापार कर तथा अंशदायी निबंधन की फीस को एक मुश्त जमा करने पर उस पर लगने वाले ब्याज एवं अर्थदंड से विमुक्ति दिये जाने की स्वीकृति अधिसूचना के प्रभावी होने की तिथि से छह माह तक की अवधि के लिए प्रदान की जायेगी।
कैबिनेट ने वाहन दुर्घटना के फलस्वरुप पीडि़त या मृतक के आश्रित को त्वरित मुआवजा निर्धारण एवं अंतरिम मुआवजा भुगतान हेतु बिहार मोटरगाड़ी नियमावली १९९२ के अध्याय १० एवं बिहार मोटर वाहन दुर्घटना न्यायाधीकरण नियमावली १९६१ में बांछित संशोधन तथा अंतरिम मुआवजा भुगतान के लिए बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के रूप में रिवॉल्विंग फंड सृजित किया जायेगा। १५ वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को विनष्ट कराने के इच्छुक वाहन मालिकों को निबंधन रद्द कराते हुए कर एवं अर्थदंड में राहत देने के लिए सर्वक्षतमा के पूर्व के शर्तों को अगले एक वर्ष के लिए विस्तारित किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि वित्तीय वर्ष २०२०-२१ से अन्य पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना में निर्धारित अधिकतम पारिवारिक वार्षिक आय अधिसीमा डेढ़ लाख से झाई लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधीन इंटरमीडिएट विज्ञान के साथ डिप्लोमाधारी शल्य कक्ष सहायक का वेतन स्तर ५ एवं प्रोन्नति के बाद शल्य कक्ष सहायक पर्यवेक्षक का वेतन स्तर छह का लाभ दिया जायेगा।