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दस जनपथ से सिर्फ तीन मिनट की दूरी पर थे गहलोत लेकिन मुलाकात 12 घंटे बाद, खूब कराया इंतजार..?


 नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर हलचल बढ़ी हुई है, लेकिन पार्टी के भीतर गुरुवार को दिन भर सभी की निगाहें सोनिया गांधी की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ होने वाली मुलाकात पर ही टिकी थी। गहलोत बुधवार देररात से ही सोनिया गांधी से मिलने के लिए नई दिल्ली स्थित जोधपुर हाउस में डेरा डाले थे। वैसे तो दोनों के बीच यह दूरी सिर्फ तीन मिनट की थी लेकिन इसमें 12 घंटे से ज्यादा का समय लगा।

मुकुल वासनिक और केसी वेणुगोपाल ने आसान की राह

हालांकि यह राह आसान बनाई मुकुल वासनिक और केसी वेणुगोपाल ने। जिन्हें इस मुलाकात के लिए जोधपुर हाउस से दस जनपथ के बीच चक्कर लगाने पड़े। इस बीच पार्टी मुख्यालय में नए अध्यक्ष की तैयारी तो चल रही है, लेकिन चुनाव जैसे कोई सरगर्मी नहीं देखने को मिली। स्थिति यह थी कि पार्टी मुख्यालय के कई पदाधिकारी भी दस जनपथ के सामने की सरगर्मी को ही भांपते दिखे।

दिग्विजय सिंह हुए सक्रिय

दिग्विजय सिंह ने सुबह ही पार्टी मुख्यालय पहुंचकर अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए फार्म लिया और सक्रिय भी हो गए। उन्होंने इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम से सबसे पहले मुलाकात और बाद में अध्यक्ष पद के लिए ताल ठोक रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर से भी मिले।

लड़ाई किसी तरह की प्रतिद्वंदिता के लिए नहीं

थरूर ने इस बीच ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि ‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का स्वागत करता हूं। हम दोनों इस बात पर सहमत है कि हमारी लड़ाई किसी तरह की प्रतिद्वंदिता के लिए नहीं है, बल्कि सहयोगियों के बीच एक दोस्ताना मुकाबले की तरह है। जो भी जीतेगा, उसमें जीत कांग्रेस पार्टी की ही होगी।’

 

सोनिया गांधी नाराज

इस बीच दिग्विजय सिंह के समर्थकों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है। नामांकन के लिए उन्होंने फार्म के दस सेट लिए है। प्रत्येक सेट के लिए कम से कम दस प्रस्ताव होने चाहिए। जानकारों की मानें तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से भेजे गए वरिष्ठ नेताओं के साथ राजस्थान में पिछले दिनों जो घटित हुआ उससे सोनिया गांधी काफी नाराज थी।

खूब कराया इंतजार

यही वजह है कि कि वह गहलोत को इंतजार करना पड़ा। स्थिति को भांप गहलोत ने दिल्ली में बुधवार को डेरा डाल दिया था। गुरुवार सुबह करीब नौ बजे उनकी यह मुहिम सफल होते तब दिखी, जब मुकुल वासनिक आगे आए।

 

लिखित माफी मांगी

पहले उन्होंने जोधपुर हाउस पहुंच कर गहलोत से इस मुद्दे पर बात की, फिर सोनिया गांधी से मिलने गए। इसके बाद केसी वेणुगोपाल भी जोधपुर हाउस पहुंचे और वहां सीधे दस जनपथ आए। इसके बाद करीब डेढ़ बजे गहलोत को दस जनपथ आने की हरी झंडी मिली। वह आए और हाथ में एक लिखी स्क्रिप्‍ट भी लाए। जिसका पहला शब्द ही था- जो कुछ हुआ उसके लिए माफी मांगते है।

मुलाकात के बाद बदले थे चेहरे के भाव

करीब डेढ़ घंटे बाद गहलोत जब दस जनपथ से निकले तो चेहरे के भाव बदले थे। गांधी परिवार की कई पीढि़यों का भरोसा था। जिसका जिक्र भी उन्होंने किया। इस बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार सचिन पायलट भी दिल्ली में डटे थे। माना जा रहा है कि देर रात तक वह भी सोनिया गांधी से मिलकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकते है।