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दिल्ली: कोरोना काल में कालाबाजारी पर लगेगी लगाम, ऐसे मिलेगा TOCILIZUMAB


  1. कोरोना के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन TOCILIZUMAB को पाने के लिए दिल्ली सरकार ने नया नियम बनाया है. अब जिस अस्पताल को कोरोना मरीज के इलाज के लिए TOCILIZOMAB इंजेक्शन चाहिए वह दिल्ली सरकार की बनाई 3 सदस्यीय टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी में आवेदन देगा. यह टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी सुबह शाम दिन में दो बार बैठक करके आवेदन पर विचार करेगी और क्लीनिकल पैरामीटर के आधार पर फ़ैसला करेगी.

इस कमेटी के चेयरमैन डॉ. एम. के. डागा है और बाकी सदस्य डॉ. मनीषा अग्रवाल और डॉ. एस. अनुराधा हैं. टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश के आधार पर डायरेक्टरेट जनरल हेल्थ सर्विसेज का कार्यालय अस्पताल के प्रतिनिधि को इंजेक्शन देगा. DGHS और स्टॉकिस्ट उसी दिन इंजेक्शन दिया जाना सुनिश्चित करें, जिस दिन मंजूरी मिली है.

नए आदेश के अनुसार, केवल विशेष परिस्थिति में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री ही इस इंजेक्शन को किसी सरकारी अस्पताल या ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर की सिफारिश पर उस अस्पताल को आवंटित कर सकते हैं, जो सरकारी एजेंसी द्वारा चलाया जा रहा हो.

कोरोना के इलाज के लिए कई अस्पताल यह इंजेक्शन लिख रहे हैं, लेकिन बाजार में इसकी किल्लत है, जिसके चलते इसकी कालाबाजारी हो रही है. दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक इस आदेश के ज़रिए TOCILIZOMAB इंजेक्शन का वितरण सुचारू किया जाएगा, जिससे इस इंजेक्शन का बेजा इस्तेमाल रोका जा सकेगा.

इसके साथ ही सम्बंधित अस्पताल को तय मरीज के लिए इंजेक्शन के इस्तेमाल की रिपोर्ट सौंपनी होगी. TOCILIZOMAB इंजेक्शन के सही इस्तेमाल की जिम्मेदारी व्यक्तिगत तौर पर अस्पताल प्रशासन की होगी, वे सुनिश्चित करेंगे कि इसका किसी भी तरह से गलत इस्तेमाल न हो. आगामी समय में ऑडिट के मद्देनजर उन्हें इसका रिकॉर्ड भी रखना होगा.