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देशभरमें चला ड्राई रन


कुछ दिनोंमें वैक्सीनेशन शुरू होगा-हर्षवर्धन
नयी दिल्ली (आससे.)। देश के 33 राज्यों के 736 जिलों में आज कोरोना वैक्सीनेशन के ड्राई रन का दूसरा फेज चल रहा है। इसका मकसद यह है कि रियल वैक्सीनेशन शुरू करने से पहले पता चल जाए कि क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ड्राई रन का जायजा लेने के लिए आज तमिलनाडु के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा है कि अगले कुछ दिनों में हम देश के लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाना शुरू कर पायेंगे। ड्राई रन की प्रोसेस में वैक्सीनेशन के अलावा चार स्टेप्स शामिल हैं। इनमें बेनीफिशियरी (जिन लोगों को डमी वैक्सीन लगायी जानी है) की जानकारी, जहां वैक्सीन दी जानी है उस जगह की डिटेल, मौके पर डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन और वैक्सीनेशन की मॉक ड्रिल और रिपोर्टिंग की जानकारी अपलोड करना शामिल है। ड्राई रन की लिस्ट में शामिल लोगों को डमी वैक्सीन दी जा रही है। इस दौरान वैक्सीनेशन शुरू करने के लिए जरूरी इंतजामों का रिव्यू किया जा रहा है। हर सेंटर पर तीन कमरे बनाये गये हैं। पहला कमरा वेटिंग के लिए। इसमें हेल्थ वर्कर की पूरी जानकारी का डेमो मिलान किया जा रहा है। दूसरे कमरे में वैक्सीन दी जा रही है। तीसरे कमरे में वैक्सीन लगवाने वाले को 30 मिनट रखा जा रहा है। ताकि उसे कोई परेशानी होने पर इलाज दिया जा सके। पिछले हफ्ते 125 जिलों के 285 सेंटर्स पर पहले फेज का ड्राई रन हुआ था। ज्यादातर राज्यों में यह रिहर्सल ठीक-ठाक रही। कुछ जगहों पर खामियां भी सामने आयीं। भोपाल में 5 कमियां पता चलीं थीं। वैक्सीनेशन की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करने के लिए सूचना मैनुअल देनी पड़ी, कई स्वास्थ्यकर्मी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लेकर नहीं पहुंचे थे। ऐसे में वैक्सीन लगने के बाद जो एसएमएस आया वे उसे नहीं दिखा पाये, ऑब्जरवेशन रूम में जगह की कमी, ठंड की वजह से कई लोग स्वेटर जैकेट और फुल बांह के कपड़े पहनकर आये जिससे वैक्सीनेशन में देरी हुई और वैक्सीन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी।
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भारत बायोटेकने बनायी कोरोनाकी नेजल वैक्सीन
नयी दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत में एक और कदम बढ़ाया गया है। भारत बायोटेक ने देश में नेजल वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को प्रपोजल भेज दिया है। बता दें कि भारत बायोटेक ही देश में कोवैक्सीन भी बना रहा है। अगर ट्रायल में नेजल वैक्सीन को सफलता प्राप्त होती है, तो देश में कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बड़ी कामयाबी मिल सकती है। गौरतलब है कि इस वैक्सीन को कंधे पर इंजेक्शन नहीं बल्कि नाक के जरिए दिया जाता है, रिसर्च में पाया गया है कि ये अधिक प्रभावी होता है। भारत बायोटक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर नेजल वैक्सीन पर रिसर्च की है और इसे तैयार किया है। ऐसे में अब भारत में पहले और दूसरे फेज के ट्रायल के लिए इजाजत मांगी गयी है। कंपनी के मुताबिक, शुरुआत में इसका ट्रायल नागपुर, भुवनेश्वर, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में किया जायेगा।