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नहीं रहे मशहूर वायलिन वादक प्रभाकर जोग,दी श्रद्धांजलि


मुंबई: भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए रविवार का दिन बेहद ही दुख भरा रहा। 31 अक्टूबर को मशहूर वायलिन वादक प्रभाकर जोग का निधन हो गया।   लंबे समय से बीमार चल रहे प्रभाकर जोग ने 88 की उम्र में महाराष्ट्र स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली।

उनके निधन की खबर से पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। सिंगर लता मंगेशकर ने भी ने ट्वीट क प्रभाकर जोग को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा-‘मुझे यह सुनकर दुख हुआ कि महान वायलिन वादक और संगीतकार प्रभाकर जोग का आज निधन हो गया। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’

जोग ने बारह वर्ष की आयु में  संगीत कार्यक्रमों में वायलिन बजाना शुरू कर दिया था क्योंकि पिता की मृत्यु के बाद उन्हें घर चलाने के लिए पैसों की आवश्यकता थी। उन्होंने संगीतकार सुधीर फड़के कर सहायक के रूप में भी काम किया।

वायलिन वादक प्रभाकर जोग संगीत की दुनिया के बड़े चेहरों में से एक हैं। उनका संगीत के क्षेत्र में अहम योगदान रहा है। वह लगभग छह दशकों से संगीत की दुनिया में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। उन्होंने केवल हिंदी ही नहीं बल्कि मराठी भाषा में भी संगीत की रचनाएं की हैं। उन्होंने ने हिंदी मराठी सहित कई भाषाओं की फिल्मों में संगीतकार के रूप में काम किया।

फिल्मों की बात करें तो उन्हें मराठी फिल्म ‘श्री गुरूदेव दत्त’ में वायलिन वादन का पहला काम मिला था। गीत रामायण सीरीज के गीतों में भी उन्होंने अपने वायलिन का करिश्मा दिखाया है. उन्होंने इसके करीब 500 शो किए।