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नीतीश की नहीं टूटी नींद क्या आईने में शक्ल देखते होंगे सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार के लिए क्यों कहा ऐसा


पटना। बिहार में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने एक बार फिर महागठबंधन की नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। सम्राट ने बुधवार को इंटरनेट मीडिया पर की गई एक पोस्ट में महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता का भी उल्लेख किया।

सम्राट चौधरी ने अपनी लंबी पोस्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए एक ग्राफिक भी साझा किया है। इसमें उन्होंने लिखा कि घमंडी ठगबंधन के पूरे हुए 1 साल बिहार हुआ बदहाल। इस ग्राफिक में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की तस्वीर इस्तेमाल की गई है। वहीं, बिहार में आया गुंडाराज, जहरीली शराब से हुई सैकड़ों मौतें, चालू हुआ भ्रष्टाचार का व्यापार, दर्जनों पर लाठीचार्ज जैसी छोटी-छोटी पंच लाइन भी लिखी गई हैं।

सम्राट चौधरी ने फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा?

सम्राट चौधरी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में की शुरुआत कविता का उल्लेख करते हुए की। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि राष्ट्रकवि दिनकर जी ने लिखा था- ‘जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है।’

उन्होंने आगे लिखा कि नीतीश कुमार आज इसी अवस्था से गुजर रहे हैं। विनाश के तरफ खींचते अपने कुंद विवेक के कारण ही उन्होंने आज से ठीक एक वर्ष पहले उन्होंने बिहार की जनता के आदेश को नकारते हुए लालू परिवार की गोद में बैठने का फैसला किया था, तब से लेकर आज तक गंगा में काफी पानी बह चुका है।

पलटी मारने की मिसाल बन चुके नीतीश : चौधरी

कभी भाजपा के साथ के कारण सुशासन के प्रतीक बने नीतीश आज राजद की संगत की रंगत में रंग कर कुशासन, अवसरवादिता और पलटी मारने की मिसाल बन चुके हैं।

इस एक साल में लोगों ने देखा है कि कैसे कोई व्यक्ति अतिमहत्वाकांक्षा में पड़ कर अपने साथ-साथ 12 करोड़ बिहारवासियों के भविष्य को खतरे में डाल देता है।

जनता की पीठ में बार-बार छुरा घोंपा : सम्राट

जनता ने देखा है कि कैसे कोई व्यक्ति पद के मद में चूर होकर खुद को तख्त पर पहुंचाने वाली जनता की पीठ में बार-बार छुरा घोंपता है। अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए कैसे एक-दूसरे को पानी पी-पीकर कोसने वाले लोग एक हो जाते हैं, लोगों ने यह भी देखा है।

इस एक साल में बढ़े अपराध के कारण हजारों माताओं की गोद सुनी हुई है, कितनी ही बहनों का सुहाग उजड़ा। 10 लाख सरकारी नौकरी मांगने वालों पर लाठियां बरसीं, कटिहार में बिजली की मांग करने वालों को गोलियों से भून दिया गया।

बक्सर के चौसा में आधी रात में किसानों के घरों में घुसकर महिलाओं-पुरुषों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया। भाजपा के शांतिपूर्ण मार्च में कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया। जहानाबाद के हमारे भाई विजय सिंह जी शहीद और सैंकड़ों की संख्या में हमारे कार्यकर्ता घायल हुए।

बिहार पीएफआई का गढ़ बन गया

सम्राट ने पोस्ट में आगे लिखा कि इसी बीच जेहादी तत्व, शराब माफिया, रंगदार और निर्मम हत्यारों को खूब खाद-पानी मिला। बिहार पीएफआई का गढ़ बन गया। कानून बदलकर दो दर्जन से अधिक दुर्दांत अपराधियों को जेल से रिहा किया गया।

शराब माफियाओं द्वारा तकरीबन हर दूसरे दिन पुलिस को पीटा और मारा जाने लगा। बालू माफियाओं के आतंक से जनता और अधिकारी थर्रा उठे। बिहार पुलिस के मुताबिक राजधानी में लगभग हर दिन एक मर्डर होना आम हो गया।

नीतीश की नींद नहीं टूटी : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

चौधरी ने लिखा कि हिंदू समाज की आस्थाओं पर सरकार के बड़े नेताओं के अपमानजनक प्रहार होने लगे। शोभायात्राओं पर पथराव की घटनाएं आम हो गईं। राजनीतिक हत्याओं का दौर फिर से शुरू हो गया। यहां तक कि बेगूसराय और हाजीपुर जैसे शहरों में खुलेआम बीच सड़क पर गोलियां दागी गईं। लेकिन नीतीश जी के जमीर की नींद आज तक नहीं टूटी है।

दरअसल, नीतीश कुमार अपने ईमान और अपनी अंतरात्मा दोनों का गला घोंट चुके हैं। न तो राजद के युवराजों की पालकी ढोने में शर्म आती है और न ही उनमें सोनिया गांधी के सामने झुक कर जेपी के संघर्षों का मजाक उड़ाने में ग्लानि का भाव उत्पन्न होता है।

कभी-कभी सोचता हूं… : सम्राट

उन्होंने लिखा कि कभी-कभी सोचता हूं कि क्या नीतीश जी आईने में अपनी शक्ल देखते होंगे? क्या उनकी आत्मा अकेले में उन्हें कुरेदती होगी? क्या बिहार की जनता से गद्दारी करने के लिए उन्हें पछतावा होता होगा?

लेकिन अगले ही पल खींसें निपोरते हुए अपनी गलतियों को जबर्दस्ती सही ठहराते हुए, झूठ और कुतर्कों की चाशनी में लिथराया उनका कोई बयान दिख जाता है और इनकी असलियत समझ में आ जाती है।

कुछ दिन और हैं… घड़ा भर चुका : चौधरी

चौधरी ने पोस्ट में लिखा कि बहरहाल, नीतीश कुमार यह जान और मान लें कि सिर्फ ठगबंधन सरकार का एक वर्ष नहीं बीता है, बल्कि हमेशा बैसाखी पर चलने वाली उनकी राजनीति का भी एक साल कम हो गया है।

कुछ दिन और हैं उन्हें जितनी लाठियां और गोलियां चलवानी हों, चला लें। उनका घड़ा भर चुका है। आने वाले समय में बिहार की जनता और उनके अशुभचिंतक साथी उनका जो हाल करेंगे वह हर किसी के लिए एक उदहारण होगा। जनता हिसाब जरूर लेगी।