Latest News अन्तर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय

नेपाल विमान दुर्घटना के पीछे है मानवीय त्रुटि का संदेह- रिपोर्ट


काठमांडू। नेपाल में पिछले महीने हुए विमान हादसे में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। 14 पेज की रिपोर्ट के अनुसार हादसे की वजह मानवीय चूक बताई जा रही है। नेपाल के पर्यटन, संस्कृति और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की वेबसाइट पर यह रिपोर्ट पोस्ट की गई है।

रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं, जिसमें इंजन से पावर नहीं आना, लीवर के खींचे जाने के कारण इंजन का बंद होना और एक ही विमान चालक दल को लगातार तीसरी बार उड़ान पर भेजना शामिल है।

15 जनवरी को हुई थी दुर्घटना

बता दें कि पिछले महीने 15 जनवरी को नेपाल के पोखरा में यति एयरलाइंस का विमान एटीआर-72 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में पांच भारतीय सहित 71 लोगों की मौत हुई थी।

विमान में चालक दल के चार सदस्यों सहित 72 लोग सवार थे। बचाव दल ने 71 शवों को बरामद किया, जबकि अन्य लापता यात्रियों को मृत मान लिया गया। एटीआर-72 ने पूर्वाह्न 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। विमान पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय पुराने और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

विमान हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई थी। समिति के एक सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दुर्घटना में मानवीय कारक की अवहेलना नहीं की जा सकती, लेकिन यह जांच का विषय है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) के अनुसार इंजनों से संबंधित सभी रिकॉर्ड मापदंडों में कोई असमानता नहीं देखी गई। जब एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) ने 10:57:07 पर विमान को उतरने की मंजूरी दी, तो पायलट फ्लाइंग (पीएफ) ने इंजन से पावर नहीं आने के बारे में दो बार जानकारी दी।

दुर्घटना के समय विजिबिलिटी 6 किलोमीटर थी और आसमान लगभग साफ था। विशेषज्ञों के अनुसार पायलटों ने अनजाने में गलती से लीवर को खींच लिया, जिसके कारण इंजन बंद हो गया। बता दें कि लीवर का काम ईंधन की आपूर्ति शुरू और बंद करना होता है। इसके अलावा इंजन के लिए गति को नियंत्रित करना होता है। जांचकर्ता ने कहा कि उन्होंने दुर्घटना स्थल पर लीवर को नीचे खिंचा हुआ पाया था।

पालयटों ने नहीं किया रूटीन चेकलिस्ट का पालन

जांच समिति के एक सदस्य ने कहा कि हमें विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है। फिलहाल हम यह पता नहीं लगा सकते हैं कि इससे पहले आखिर क्या हुआ था। सदस्य ने कहा कि हां, फ्लैप की भी समस्या है क्योंकि इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि पायलटों ने फ्लैप को बढ़ाने में देरी क्यों की और रूटीन चेकलिस्ट का पालन क्यों नहीं किया गया।

आईसीएओ (अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) के अनुसार, किसी दुर्घटना की जांच करने वाले राज्य को दुर्घटना के 30 दिनों के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए। जबकि अंतिम रिपोर्ट दुर्घटना के 12 महीनों के भीतर प्रस्तुत की जानी चाहिए।

फ्लाइट क्रू की थी तीसरी उड़ान

शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, विमान को जो चालक दल उड़ा रहा था यह उसकी लगातार तीसरी उड़ान थी। दुर्घटनाग्रस्त विमान से पहले फ्लाइट क्रू ने सुबह काठमांडू और पोखरा के बीच दो उड़ानें भरीं थी। दुर्घटनाग्रस्त विमान में दो कप्तान अंजू खातीवाड़ा और कमल केसी थे। पोखरा के लिए उड़ान भरने वाला फ्लाइट क्रू सामान्य था। रिपोर्ट के अनुसार फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) ने फ्लैप सरफेस मूवमेंट को रिकॉर्ड नहीं किया था। एटीसी ने लैंडिंग की मंजूरी दी तो कैप्टन खातीवाड़ा ने दो बार बताया कि इंजनों में पावर नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार विमान का उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र 24 अप्रैल 2023 तक वैध था।

हवाईअड्डे का हुआ था जल्दबाजी में उद्घाटन

जानकारी के अनुसार चीन की सहायता से बने हवाईअड्डे का जल्दबाजी में उद्घाटन किया गया था। 1 जनवरी की परियोजना की समय सीमा को पूरा करने के लिए इसे बिना तैयारी के ही संचालित कर दिया गया। कैलीब्रेशन रिपोर्ट 26 फरवरी को प्रकाशित होने वाली है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एयरलाइंस के पास एयरपोर्ट की प्रक्रियाओं और डेटा की कम जानकारी होती है।