पटना (आससे)। राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि भारत के भीतर या बाहर किसी दंड न्यायालय द्वारा राजनैतिक अपराध से भिन्न किसी अपराध के लिए छह माह से अधिक अवधि के लिए जेल का दंड पा चुका है अथवा कदाचार के लिए सीआरपीसी की धारा १०९ एवं ११० के अधि उसे बांड देने का आदेश दिया गया हो और आदेश बाद में उल्टा न गया हो, वे पंचायत निर्वाचन २०२१ में उम्मीदवार नहीं बन सकते हैं।
आयोग ने उम्मीदवारी के लिए शर्तों का निर्धारण करते हुए बताया कि विधानमंडल चुनाव में अयोग नहीं घोषित किया गया हो, पंचायत और ग्राम कचहरी चुनाव के लिए कम से कम २१ वर्ष की उम्र होना आवश्यक है। अभ्यर्थी को केंद्र या राज्य सरकार अथवा किसी स्थानीय प्राधिकार की सेवा में नहीं होना चाहिए। केंद्र या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकार से सहायता प्राप्त करने वाली संस्था की सेवा में नहीं होना चाहिए।
किसी सक्षम न्यायालय द्वारा विकृत चित घोषित नहीं होना चाहिए। केंद्र या राज्य सरकार तथा स्थानीय प्राधिकार की सेवा से कदाचार के लिए पदच्युत कर दिया गया हो या किसी लोक सेवा में नियुक्ति के लिए अयोग्य घोषित किया गया हो, वे चुनाव नहीं लड़ सकते। पंचायत के अंतर्गत वैतनिक पद या लाभ का पद या भ्रष्ट आचरण का दोषी पाये जाने वाले चुनाव नहीं लड़ सकते।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मतदान के लिए पूर्व निर्धारित पहचान पत्रों के फोटो स्टेट कापी मान्य नहीं होंगे। मतदाताओं को मूल दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। जो पहचान के लिए दस्तावेज होंगे उनमें आधार कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन पत्र, फोटोयुक्त स्वास्थ्य स्मार्ट बीमा योजना कार्ड, मनरेगा के अधीन जारी फोटोयुक्त जॉब कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत महापंजियक द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, बैंक व डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, सरकारी संथानों व निजी संस्थान में कार्यरत कर्मियों को संस्थान द्वारा जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, सांसद, विधायक एवं पार्षदों द्वारा जारी आधिकारिक पहचान पत्र, फोटो युक्त स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र, सक्षम प्राधिकारी द्वारा फोटोयुक्त शारीरिक विकलांगता पहचान पत्र, फोटो युक्त शस्त्र लाइसेंस, पासपोर्ट, फोटोयुक्त संपत्ति दस्तावेज यथा पट्ïटा, रजिस्ट्रीकृत केवाला तथा मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्था द्वारा जारी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मी, विद्यार्थी फोटोयुक्त पहचान पत्र मतदान के लिए आवयक होगा। १६ दस्तावेजों में अगर कोई दस्तावेज परिवार के मुखिया के नाम से हो तो उसे भी परिवार के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए स्वीकार किये जायें बशर्ते सभी साथ आयें।