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पंजाब के राज्यपाल का सीएम पर पलटवार, कहा- लगता है आपके कानूनी सलाहकार आपको सही राय नहीं दे रहे


चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान के कल के ट्वीट पर नाराजगी दिखाते हुए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने उन पर पलटवार किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रेस बयान का जवाब देते हुए कहा कि आज के अखबारों में आपके बयान पढ़ने के बाद मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि शायद आप मुझसे ‘बहुत ज्यादा’ नाराज हैं।

राज्यपाल ने लिखा- ”मुझे लगता है कि आपके कानूनी सलाहकार आपको सही जानकारी नहीं दे रहे हैं, इसलिए मैं आपको संविधान के अनुच्छेद 167 और 168 के प्राविधानों को पढ़ने के लिए भेज रहा हूं जिसे पढ़कर शायद मेरे बारे में आपकी राय निश्चित रूप से बदल जाए।”

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में अनुच्छेद 167 का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि राज्यपाल आदि को सूचना देने के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य निम्न होंगे।

पहला राज्य के मामलों के प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित मंत्रिपरिषद के सभी निर्णयों को राज्य के राज्यपाल को सूचित करना।

दूसरा राज्य के मामलों के प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित ऐसी जानकारी प्रस्तुत करना जो राज्यपाल ने मांगे हैं।

बता दें, पंजाब की भगवंत मान सरकार ने पहले 22 सितंबर को विधासभा का सत्र बुलाया था, जिसकी मंजूरी देने के बाद राज्यपाल ने इसे रद कर दिया था। बाद में फिर सरकार ने 27 सितंबर को फिर सत्र बुलाया। इस पर राज्यपाल ने पूछा है कि इस सत्र में कौन सा विधायी कामकाज किया जाना है। उन्होंने सत्र का एजेंडा बताने के लिए कहा है। इस पर मान सरकार ने कड़ी नाराजगी जताई।

मामले में आज कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने आरोप लगाया कि जिन राज्यों में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है वहां केंद्र सरकार राज्यपाल के जरिए विपक्ष की भूमिका निभा रही है और सरकारों को काम करने नहीं दे रही है।

अरोड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक बयान जो उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर 2013 में कहा था कि राजभवन साजिशों का गढ़ बन गए हैं और आज वह खुद वही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा का सत्र ज्वलंत मुद्दों पर बहस के लिए बुलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अब तक की परंपरा यही रही है कि कैबिनेट विधानसभा में विधायी कामकाज करने के लिए सत्र बुलाने की सिफारिश करती है जिसे राज्यपाल के पास अप्रूवल के लिए भेजा जाता है। विधानसभा में किस दिन क्या कामकाज होगा, यह सभी पार्टियों पर आधारित बनी हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी तय करती है।