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पंडित शिवकुमार के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर, राष्ट्रपति बोले- संतूर खामोश हो गया


नई दिल्ली, । पद्म विभूषण भारतीय संगीतकार और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया है। 84 वर्षीय शिवकुमार ने मुंबई में अंतिम सांस ली। पंडित शिवकुमार पिछले कुछ समय से किडनी की बीमारी से परेशान थे और वो डायलिसिस पर थे। शिवकुमार के निधन के बाद पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। फिल्मी जगत से लेकर राजनीति तक, कई हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है।

राष्ट्रपति ने जताया दुख

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पंडित शिवकुमार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कोविंद ने कहा कि शिव कुमार शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र संतूर को लोकप्रिय बनाया। यह जानकर दुख हुआ कि उनका संतूर अब खामोश है। उनके परिवार, दोस्तों और हर जगह अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदना।

पीएम मोदी ने भी जताया शोक

पीएम मोदी ने कहा कि पंडित शिवकुमार शर्मा जी का निधन हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए बहुत क्षति है। उन्होंने संतूर को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा। मुझे उनके साथ अपनी बातचीत अच्छी तरह याद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। शांति।

उपराष्ट्रपति बोले- बड़ी क्षति

देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रख्यात संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा जी का निधन संगीत और सांस्कृतिक जगत की बड़ी क्षति है। आपने संतूर को भारतीय संगीत जगत में पुनः स्थापित किया। शोकाकुल परिजनों और प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।

सचिन तेंदुलकर ने भी जताया दुख

पंडित शिवकुमार के चाहने वाले हर क्षेत्र में थे। मास्टर ब्लास्टर पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी शिवकुमार के निधन से दुखी हैं। तेंदुलकर ने कहा कि मुझे उनका संतूर प्रदर्शन लाइव देखने का सौभाग्य मिला। उनके परिवार, दोस्तों और उनकी कला के प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना।

पंडित शिवकुमार ने दिलाई थी संतूर को पहचान

पंडित शिवकुमार शर्मा का जन्म कश्मीर के संगीत से जुड़े परिवार में साल 1938 में हुआ था। उन्होंने संगीत की शुरुआती शिक्षा अपने पिता से ली। इसके बाद उन्होंने संतूर में महारत हासिल की थी। कहा जाता है कि पंडित शिवकुमार ने जम्मू-कश्मीर में संतूर को एक म्यूजिकल इंट्रूमेंट के तौर पर पहचान दिलाई थी। उन्होंने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने हुनर का जादू दिखाया। उन्होंने बालीवुड फिल्म ‘चांदनी’ में संगीत भी दिया। फिल्म ‘चांदनी’ का ‘मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां’ काफी मशहूर हुआ।