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- फिलहाल बचे रहेंगे न्यायालय के अंतरिम आदेश से आच्छादित वादी
- डीईएलएड उत्तीर्ण शिक्षकों को परीक्षाफल प्रकाशन की तिथि से मिलेगा वेतन
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य के सरकारी स्कूलों के वैसे प्रारंभिक शिक्षकों को अप्रशिक्षित मानते हुए उनकी सेवा समाप्त की जायेगी, जो राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) के 18 माह के डीईएलएड पाठ्यक्रम की परीक्षा में फेल कर गये हैं। हालांकि, सेवामुक्ति का यह आदेश उन वादी शिक्षकों पर तत्काल प्रभावी नहीं होगा, जो उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश से आच्छादित हैं।
इससे संबंधित निर्देश प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को दिये गये हैं। निर्देश में कहा गया है कि बच्चों का मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) अधिनियम, 2017 की धारा-23 के तहत सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को 31 मार्च, 2019 तक निर्धारित अहर्ता यथा शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य था। इस हेतु भारत सरकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) द्वारा 18 माह का डीईएलएड पाठ्यक्रम का संचालन किया गया, ताकि अप्रशिक्षित शिक्षकों का सेवाकालीन प्रशिक्षण संपन्न हो सके।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 22 अक्तूबर, 2019 को जारी निर्देश का उल्लेख करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) से उसका अनुपालन करने को कहा है। जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) से कहा गया है कि वैसे अप्रशिक्षित शिक्षक, जो 31 मार्च, 2019 तक प्रशिक्षण पूर्ण कर डीईएलएड की मुख्य परीक्षा अथवा पूरक परीक्षा में सम्मिलित हुए हों तथा जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) भुगतान किया जाना है।
जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को दिये गये निर्देश में कहा गया है कि अप्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षण-चर्या पूर्ण करने के उपरांत सामान्य अथवा पूरक परीक्षा में यदि उत्तीर्ण नहीं हुए हों, तो वैसे अप्रशिक्षित शिक्षक संबंधित अधिनियम की पृष्ठभूमि में प्रशिक्षण की योग्यता प्राप्त नहीं होने की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही करते हुए सेवामुक्त करने की कार्रवाई संबंधित नियोजन इकाई के स्तर से किया जाना है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) से कहा गया है कि वर्तमान में प्राप्त जानकारी के अनुसार सिडब्लूजेसी न. 24799/2019, सिडब्लूजेसी न. 16214/2019 एवं सिडब्लूजेसी न. 8346/2019 में पटना उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश से आच्छादित वादिगण पर यह निर्देश तत्काल प्रभावी नहीं होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) से यह भी कहा गया है कि यदि इसके अतिरिक्त अन्य न्यायालयीय मामलों में स्थगनादेश की सूचना प्राप्त होती है, तो इसकी सूचना अविलंब निदेशालय को दी जाय। इसके साथ ही निर्देश के अनुपालन में की जाने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी गयी है।
इस बीच भोजपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अप्रशिक्षित प्रारंभिक शिक्षकों की सूची प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से मांगी है।