पटना

पटना: आपत्तियों का दे चुके जवाब, अब अनुदान की आस; शिक्षा विभाग ने ‘वित्त’ को भेजा प्रस्ताव


होली के पहले राशि मिलने के कम ही हैं आसार

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। आपत्तियों के निराकरण के लिए जांच की प्रक्रिया से गुजर चुके सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों के अनुदान के मामले में शिक्षा विभाग को वित्त विभाग के निर्णय का इंतजार है। ऐसे सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों से संबंधित मामले शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग को सौंपे जा चुके हैं। वित्त विभाग की सहमति के बाद ही संबंधित कॉलेजों के अनुदान का रास्ता साफ होगा। इसके मद्देनजर होली के पहले ऐसे कॉलेजों को अनुदान मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं।

स्नातक शैक्षणिक सत्र 2009-2012 से 2014-2017 तक के छात्र-छात्राओं के श्रेणीवार रिजल्ट के आधार पर अनुदान राशि देने के लिए प्रस्तावों की जांच के दौरान जिन कॉलेजों के प्रस्ताव आपत्तियों के पेच में फंस गये थे, उसके निराकरण के लिए शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयवार बैठक बुलायी थी, जिसमें संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक बुलाये गये थे।

आपत्तियों के निराकरण के लिए जिन 69 सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों के कागजात सौंपे गये, उनमें मगध विश्वविद्यालय के 32, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के 20, बी. आर. ए. बिहार विश्वविद्यालय के सात, बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय के छह एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के चार सम्बद्ध डिग्री कॉलेज शामिल हैं। इनमें ऐसे भी सम्बद्ध डिग्री कॉलेज हैं, जिसने समय-समय पर विश्वविद्यालय द्वारा सीट वृद्धि से संबंधित कागजात सौंपे। जिन सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों के मामले में संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा अनुदान के लिए पहले अनुशंसा नहीं की गयी थी, उन मामलों में उसकी अनुशंसा भी मिल गयी।

उसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया। हालांकि, इनमें ऐसे भी कॉलेज हैं, जिनके पास बिना राज्य सरकार के संबंधन के छात्र-छात्राओं के दाखिले के जवाब नहीं है। आपको बता दूं कि सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों को उसके छात्र-छात्राओं के श्रेणीवार स्नातक रिजल्ट के आधार पर अनुदान देने की व्यवस्था है। यह व्यवस्था विश्वविद्यालयों के स्नातक शैक्षिक सत्र 2005-2008 से लागू है। इसके तहत किसी छात्रा के फस्र्ट डिवीजन से पास होने पर 8700 रुपये, सेकेंड डिवीजन से पास होने पर 8200 रुपये और थर्ड डिवीजन से पास होने पर 7700 रुपये  की अनुदान राशि तय है।

चूंकि, स्नातक की पढ़ाई तीनों वर्षों की है, इसलिए अनुदान की राशि भी एक छात्रा पर तीन गुणा हो जाती है। इसी प्रकार किसी छात्र के फस्र्ट डिवीजन से पास होने पर 8500 रुपये, सेकेंड डिवीजन से पास होने पर 8000 रुपये और थर्ड डिवीजन से पास होने पर 7500 रुपये की अनुदान राशि तय है। यह राशि भी एक छात्र पर तीन गुणा बढ़ जाती है। अनुदान राशि कॉलेजों को इस शर्त के साथ दी जाती है कि उसका भुगतान विधिवत नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक-कर्मियों को किया जायेगा। इसके लिए प्रावधान तय हैं।

अनुदान की प्रक्रिया के तहत कॉलेजों द्वारा अपने छात्र-छात्राओं के श्रेणीवार स्नातक परीक्षाफल के आधार पर अनुदान का प्रस्ताव विश्वविद्यालय के माध्यम से शिक्षा विभाग को सौंपा जाता है। कॉलेजों को  अनुदान राशि भी अपने विश्वविद्यालय के माध्यम से ही मिलती है। तय प्रावधानों के तहत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को भुगतान के बाद यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भी कॉलेजों द्वारा अपने विश्वविद्यालय के माध्यम से ही शिक्षा विभाग को सौंपे जाते हैं।