पटना

पटना एम्स का टेलीमेडिसीन गरीबों के इलाज में ऐतिहासिक कदम


10वें स्थापना दिवस पर भव्य समारोह

फुलवारीशरीफ। राजधानी पटना के एम्स में 10वां स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय विभाग के राज्यमंत्री डा. भारती पवार ने कहा कि एम्स पटना ने बिहार के सुदूर ग्रामीण इलाकों में गरीब एवं असहाय लोगों के बीच टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर एक इतिहास रचा है। जिससे पूरे बिहारवासी इस पर गर्व महसूस कर रहे हैं।

डॉ. भारती ने कहा कि अब तक एम्स पटना से 208 शोध प्रकाशित किया जा चुका है। भारत सरकार के स्वाथ्य राज्य मंत्री ऑनलाइन माध्यम से एम्स के दसवें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कोविड-19 महामारी में एम्स पटना द्वारा किये गये अथक एवं अनवरत प्रयासों के लिए चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा श्रवण कुमार योजना सहित आयुष्मान भारत कार्ड के माध्यम से गरीबों और शहरों के बीच एम्स ने सुविधा पूर्वक गरीबों का इलाज किया है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेर्यी ने एक सपना देखा था जिसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूरा कर दिखाया है।

प्रदेश के भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में एम्स पटना ने जो कार्य कर दिखाया है बिहार के लिए यह गौरव की बात है। एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने एम्स के सारी फैकल्टीज के बारे में  कहा कि पटना एम्स का यही उद्देश्य रहा है कि गरीब तबके के लोगों तक अत्याधुनिक और सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती रहे। वहीं कोविड-19 के 1994 मरीजों को भर्ती किया गया, जिनमें से 1125 ठीक  होकर घर गये। 1348 मरीजों को प्लाज्माथेरेपी दी गयी। एक साल में 8.5 लाख आरटीपीसीआर जांचें की गईं और 209 म्यूकरमाइकोसिस मरीजों का इलाज किया गया।

उन्होंने बताया कि संस्थान में फिलहाल 10 नॉन क्लिनिकल और 31 क्लिनिकल विभाग काम कर रहे हैं, जिनमे 138 फैकल्टी हैं। एमडी, एमएस, एमडीएस, डीएम और एमसीएच में कुल 190 सीटें हैं। सीनियर रेजीडेंट और जूनियर रेजीडेंट की कुल संख्या 513 है। एम्स में कोविड  के लिए 550 बेड हैं और 85 वेंटीलेटरयुक्त आईसीयू बेड हैं।

संस्थान में हुई 460 हीमोडायलिसिस, 355 टोटल हिप रीप्लेसमेंट, 412 एसीएल रीकंस्ट्रक्शन, 30 हाइपेक सर्जरी, 180 काक्लियर इम्पलांट और एडवास्ड विट्रियोरेटिनल सर्जरी संस्थान की उपलब्धिया हैं। खासकर कैंसर मरीजों के लिए हाइपेक सर्जरी, जिसकी सुविधा देश के महज  दो-तीन संस्थानों में ही है। उन्होंने कहा कि कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाने के लिए एम्स पटना एक्सपर्ट सपोर्ट दे रहा है। साथ ही प्लाज्माथेरेपी देने में भी अन्य अस्पतालों को मदद दे रहा है।

डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत, बर्न सेंटर का निर्माण, अंग प्रत्यारोपण की शुरूआत, शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन का निर्माण और चिकित्सकों के लिए आवास का निर्माण कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिनके लिए संस्थान प्रयासरत है। पूर्व मंत्री व स्थानीय सांसद राम कृपाल यादव ने संस्थान में कुछ और सुपरस्पेशेलिटी विभाग शुरू करने की बात कही, ताकि मरीजों को इलाज के लिए एम्स दिल्ली न जाना पड़े।

इन्हें मिले मेडल्स

गोल्ड मेडल– संजना मालाकार, लव, गुलाम मुस्तफा, प्रेरणा, विभा कुमारी, कुमारी आकृति। सिल्वर मेडल- नीलेश कुमार सिन्हा, साहिल कश्यप, हिमांशु खडोटरा, शिवानी शर्मा, वंदना कुमारी, श्वेता भारती, सुरभि, निकिता अधिकारी। ब्रॉन्ज मेडल- अंकुर महाजन, शशांक प्रकाश चौधरी, सृष्टि सिंह, मेघा रूहेला, पूजा कुमारी, प्रिया कुमारी, श्रिया शर्मा।