ज्वाइन नहीं करने वाले एमपीपी भी होंगे एफआईआर की जद में
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों की जांच के लिए मूल्यांकन केंद्रों पर योगदान नहीं करने वाले परीक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज होगी। इसके साथ ही योगदान नहीं करने वाले एमपीपी पर भी प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी। इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों की जांच पांच मार्च से चल रही है। 15 मार्च तक मूल्यांकन कार्य पूरा करने का बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का लक्ष्य है।
लेकिन, कतिपय मूल्यांकन केंद्रों पर नियुक्त सह-परीक्षकों एवं एमपीपी में से कइयों ने योगदान नहीं किया है। इससे ऐसे मूल्यांकन केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य की गति धीमी है। इसे गंभीरता से लेते हुए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि परीक्षाफल के ससमय प्रकाशन के लिए यह जरूरी है कि निर्धारित समय पर कॉपियों का मूल्यांकन कार्य सम्पन्न हो जाय।
यदि यह कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो पायेगा, तो परीक्षार्थियों का परीक्षाफल समय पर प्रकाशित नहीं हो सकेगा और उनका नामांकन राज्य अथवा राज्य के बाहर उच्च शिक्षण संस्थानों में नहीं हो सकेगा। यह स्थिति राज्य के लाखों परीक्षार्थियों के भविष्य पर कुठाराघात कर सकती है, जिसे किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निर्देश के मुताबिक सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने-अपने जिले में निर्धारित मूल्यांकन केंद्रों पर स्वयं जाकर समीक्षा करेंगे कि मूल्यांकन कार्य हेतु समिति द्वारा भेजी गयी प्लस-टू विद्यालय-महाविद्यालयवार व विषयवार परीक्षकों एवं एमपीपी की सूची में से कितने परीक्षक एवं एमपीपी द्वारा मूल्यांकन केंद्र पर योगदान नहीं किया गया है।
योगदान नहीं करने वाले परीक्षक व एमपीपी एवं उनके शिक्षण संस्थान के प्रधान को जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिवार्य रूप से योगदान करने का निर्देश अपने स्तर से देंगे। योगदान नहीं करने पर बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के तहत काररवाई की जा सकेगी। इसके बाद भी योगदान नहीं करने वाले परीक्षक व एमपीपी पर प्राथमिकी दर्ज होगी।
समिति के निर्देश के मुताबिक किसी विषय की कॉपियों के मूल्यांकन हेतु परीक्षकों की कमी होने की स्थिति में जिला शिक्षा पदाधिकारी अथवा मूल्यांकन केंद्र निदेशक स्वयं योग्य अर्हताप्राप्त शिक्षक की नियुक्ति स्थानीय स्तर पर आवश्यकतानुसार परीक्षक के रूप में कर सकेंगे। इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों की जांच मूल्यांकन केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच चल रही है।
प्रत्येक मूल्यांकन केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस के सशस्त्र जवान तैनात हैं। मूल्यांकन केंद्रों के परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। मूल्यांकन कार्य से जुड़े लोगों के अलावे अन्य किसी भी व्यक्ति के प्रवेश की इजाजत नहीं है। मूल्यांकन केंद्रों के औचक निरीक्षण भी किये जा रहे हैं। कॉपियों में बारकोडिंग है। इससे जांचने वाले भी नहीं जान पाते कि कॉपी किसकी या कहां की है। मूल्यांकन केंद्र विषयवार बनाये गये हैं।
मूल्यांकन केंद्र से ही कम्प्यूटर के जरिये मार्क्स पोस्ट की व्यवस्था की गयी है। राज्य में 1473 परीक्षा केंद्रों पर एक फरवरी से 13 फरवरी तक इंटरमीडिएट की परीक्षा चली थी। इसमें शामिल होने के लिए 13,50,233 विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा फॉर्म भरे गये थे, जिनमें 7,03,693 छात्र एवं 6,46,540 छात्राएं हैं।