- 20 हजार मरीजों ने लि टेली मेडिसीन परामर्श
- मरीजों को नि:शुल्क दवाओं की होगी आपूर्ति
पटना (आससे)। स्वास्थ्य विभाग लोगों को न सिर्फ तकनीक आधारित हेल्थ सुविधाएं मुहैय्या करा रहा, बल्कि पर्याप्त मात्रा में दवाएं भी उपलब्ध करा रहा। विभाग के प्रयास से अब ग्रामीण क्षेत्रों में काफी संख्या में लोगों को टेलि मेडिसीन की सुविधा मिल रही है।
यह दावा आज हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय ने किया। उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-२ कार्यक्रम के तहत टेलि मेडिसीन के माध्यम से स्वास्यि उपकेन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, अनुमंडल एवं जिला अस्पताल से जोड़ा गया है। इससे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज आसानी से चिकित्सीय परामर्श ले रहे हैं और आर्थिक बोझ से भी बच रहे हैं। पिछले तीन हफ्ता में टेली मेडिसीन के माध्यम से करीब २० हजार मरीजों ने परामर्श लिए है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के पहले चरण में राज्य के ३६ सदर अस्पताल, दरभगा और पश्चिम चंचारण के अनुमंडलीय अस्पताल और १५८ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हब के रूप में १७२४ स्वास्थ्य जयकेन्द्रों को स्पोक्स के रूप में जोड़ा गया है। आनेवाले दिनों में ऐसे चार हजार केन्द्र होंगे। फिलहाल यह सुविधा सोमवार, गुरुवार और शनिवार को सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक दी जा रही है। इसके अलावा रोगियों को नि:शुल्क दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जरूरी दवाओं की सूची में संशोधन किया गया है।
अब टेली मेडिसीन के लिए स्वास्थ्य उपकेन्द्रों परपहले से मिल रही १५ तरह की दवाओं को बढ़ाकर ३७ कर दी गयी है। इसके अलावा वैसे स्वास्थ्य उपकेन्द्र, जो हेल्थ एण्ड बेलनेस हेल्थ सेंटर के रूप में विकसित किये जायेंगे, में १०९ तरह की दवाएं चिह्नित की गयी है।
उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के तहत स्वास्यि उप केन्द्रों पर मरीजों को मुकल्लम सुविधाएं मिलंगी। इसके तहत एएनएम द्वारा इंटरनेट सुविधाएं एंड्रायड टैबलेट का प्रयोग कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व जिला अस्पतालों पर नामित चिकितसकों द्वारा टेली कंस्लटेंसी के माध्यम से मरीजों को उनकी बीमारी से संबंधित परामर्श दिये जायेंगे। सलाह के उपरांत स्वाथ्य केन्द्रों पर ही रोगियों को प्रिटेंड चिट्ठा उपलब्ध कराया जायेगा। यही नहीं, मरीजों को नि:शुल्क दवाओं की आपूर्ति भी की जायेगी।