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- मियाद पूरी होने के बाद 31 तक बढ़ाई गई समय-सीमा
- फर्जी सर्टिफिकेट पर नियुक्त शिक्षकों का मामला
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में जिन पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए विजिलेंस को नहीं सौंपे गये हैं, उनके ब्यौरे पोर्टल पर 31 मई के पहले अपलोड होंगे। इससे संबंधित रिपोर्ट प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) से 31 मई तक मांगी है। इसके साथ ही फर्जी सर्टिफिकेट पर नियुक्त पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों पर शिकंजा कसता ही जा रहा है। जांच के लिए जिन शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर अब तक विजिलेंस को नहीं सौंपे गये हैं, उनके नाम अब पोर्टल पर अपलोड होंगे। ऐसे शिक्षकों की संख्या तकरीबन 1,03,917 है।
आपको बता दूं कि जांच के लिए जिन शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर अब तक विजिलेंस को नहीं सौंपे गये हैं, उनके नाम और उनसे जुड़ी अन्य जानकारियां पोर्टल पर अपलोड करने की तिथि 17 मई तक ही थी। संबंधित शिक्षकों के नाम और उनसे जुड़ी अन्य जानकारी संबंधित जिले के एनआईसी के वेबसाइट पर अपलोड किये जाने थे। यह ईमेल से शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को भी उपलब्ध करायी जानी थी। इस बाबत प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा मंगलवार को सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को निर्देश दिये गये थे।
इस बीच प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को जानकारी मिली है कि संबंधित शिक्षकों के ब्यौरे पोर्टल पर अपलोड न कर सिर्फ निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जा रही है। इसके मद्देनजर प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को दिये गये ताजा निर्देश में कहा गया है कि तय अवधि में नियुक्त शिक्षक जिनके सर्टिफिकेट जांच के लिए विजिलेंस को उपलब्ध नहीं कराये गये हैं, की सूचना अपलोड करने के लिए अपने जिले के एनआईसी के प्रभारी पदाधिकारी से संपर्क स्थापित कर यूजर आईडी एवं पासवर्ड प्राप्त की जाय। उसके बाद जानकारी अपलोड करने की कार्रवाई की जाय। इसकी रिपोर्ट 31 मई तक ईमेल से उपलब्ध करायें।
पोर्टल पर जानकारी जिलावार अपलोड करनी है। इसमें प्रखंड का नाम, नियोजन इकाई का नाम, शिक्षक का नाम, पिता या पति का नाम, विद्यालय का नाम, नियुक्ति की तिथि, ईपीएफ एकाउंट नम्बर के साथ अभ्युक्ति होगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में 2006 से लेकर 2015 तक नियुक्त पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट की विजिलेंस जांच पटना हाई कोर्ट के आदेश पर चल रही है। इससे संबंधित आदेश पटना हाई कोर्ट ने पांच दिसंबर, 2016 को दिया। लेकिन, अब तक 1,03,917 शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर जांच के लिए विजिलेंस को नहीं मिले हैं। इसके मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शिक्षा विभाग द्वारा वेब पोर्टल तैयार किया गया है।