पटना

पटना: टीईटी पास हजारों शिक्षक नहीं बन पायेंगे ‘प्रधान शिक्षक’


सेवाकाल में ट्रेंड शिक्षकों की राह में रोड़ा बनी शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की होने वाली नियुक्ति में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास 1ली से 5वीं कक्षा वाले अधिकांश शिक्षक छंट जायेंगे। ऐसे शिक्षकों की तादाद हजारों में है। प्रदेश में प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पहली बार साल 2011 में हुई। उसका रिजल्ट साल 2012 में आया। उस समय ट्रेंड और अनट्रेंड दोनों ही कोटि के अभ्यर्थियों के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बैठने का प्रावधान था।

यही वजह रही कि उसमें ट्रेंड के साथ ही बड़ी संख्या में अनट्रेंड बैठे और पास हुए। ऐसे अभ्यर्थियों की बहाली की प्रक्रिया साल 2013 में शुरू हुई। पर, बहाल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या कम ही रही। साल 2014 में जब कैम्प मोड में बहाली हुई, तो बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बहाल हुए। बाद में अनट्रेंड शिक्षकों के लिए सवैतनिक ट्रेनिंग की व्यवस्था हुई। ट्रेनिंग पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद उनकी ट्रेनिंग की परीक्षा हुई। विभिन्न सत्रों की परीक्षा बैठे शिक्षकों का रिजल्ट साल 2018 के बाद आया।

1ली से 5वीं कक्षा के ऐसे शिक्षक प्रधान शिक्षकों की बहाली के लिए होने वाली परीक्षा में बैठने हेतु इसलिए आवेदन नहीं कर पायेंगे कि उनके लिए आठ वर्षों के शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता है। अनट्रेंड रहते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास होकर 1ली से 5वीं कक्षा के शिक्षक, जिनकी ट्रेनिंग सवैतनिक अवकाश पर हुई, प्रधान शिक्षकों की बहाली इसलिए आवेदन नहीं कर पायेंगे कि उनके लिए शिक्षण अनुभव प्रशिक्षण की तिथि से माना जाना है।

इसके मद्देनजर टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने हाल ही शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव को ज्ञापन देकर प्रधान शिक्षकों की बहाली में टीईटी पास शिक्षकों के लिए शिक्षण अनुभव की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है। संगठन के प्रवक्ता अश्विनी कुमार पाण्डेय ने बताया कि ऐसा नहीं हुआ, तो अनट्रेंड रहते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास 1ली से 5वीं के सवैतनिक अवकाश पर ट्रेनिंग लेने वाले एक भी शिक्षक पधान शिक्षक नहीं बन पायेंगे।

शिक्षा विभाग के मंत्री एवं अपर मुख्यसचिव को दिये गये ज्ञापन में संगठन ने शिक्षा का अधिकार कानून एवं नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मानकों का हवाला देते हुए प्रधान शिक्षकों की बहाली में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य करने, टीईटी शिक्षकों का अलग संवर्ग गठित करने एवं स्नातक ग्रेड के प्रारंभिक शिक्षकों को पांच साल की  सेवा उपरांत मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति देने की मांग भी उठायी है।