पटना

पटना: ट्यूशन पढ़ने वाले स्कूली बच्चों की संख्या बढ़ी


स्मार्टफोन बढ़े लेकिन इससे नहीं पढ़ पाते 53.8 प्रतिशत बच्चे

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में ट्यूशन पढ़ने वाले स्कूली बच्चों की संख्या बढ़ी है। सर्वाधिक चौंकाने वाली बात यह है कि स्मार्टफोन की उपलब्धता तो बढ़ी है, लेकिन 53.8 फीसदी बच्चे इसका उपयोग पढ़ाई के लिए नहीं कर पाते हैं।

यह चौंकाने वाला तथ्य16वीं ऐन्यूअल स्टैटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ग्रामीण), 2021 में सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में केरल को छोड़ कर सभी राज्यों में  ट्यूशन में वृद्धि हुई है। उसमें बिहार भी शामिल है। बिहार की बात करें, तो राज्य में पिछले साल यानी वर्ष 2020 में स्कूलों में नामांकित 64.3 प्रतिशत बच्चे ट्यूशन पढ़ रहे थे। ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ कर इस साल यानी 2021 में 73.5 प्रतिशत पर पहुंच गयी है।

स्मार्टफोन की बात करें, तो बिहार में वर्ष 2018 में स्मार्टफोन की उपलब्धता 27.2 प्रतिशत थी, जो इस साल यानी 2021 में 54.4 प्रतिशत पर पहुंच गयी है, लेकिन उनमें से 53.8 फीसदी बच्चे इसका उपयोग पढ़ाई के लिए नहीं कर पाते हैं। घरों में माता-पिता की शिक्षा का स्तर बढऩे से स्मार्टफोन की उपलब्धता की संभावना बढ़ जाती है। 2021 में ऐसे 80 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन  उपलब्ध हैं, जिनके माता-पिता 9वीं कक्षा से अधिक पढ़े-लिखे हैं। इसके तुलना में 50 फीसदी ऐसे बच्चों के पास स्मार्टफोन  उपलब्ध हैं, जिनके माता-पिता 5वीं कक्षा से कम पढ़े-लिखे हैं। लेकिन, जिन बच्चों के माता-पिता कम पढ़े-लिखे हैं, उनमें भी लगभग एक चौथाई से अधिक बच्चों की पढ़ाई के लिए मार्च, 2020 के बाद स्मार्टफोन खरीदे गये।

खास बात यह भी है कि नामांकित सभी बच्चों में से दो तिहाई से अधिक बच्चों के पास घर पर स्मार्टफोन (67.6 प्रतिशत) हैं। इनमें से लगभग एक चौथाई (26.1 प्रतिशत) ऐसे बच्चे हैं, जिनके पास यह स्मार्टफोन उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं है। इसमें कक्षावार देखने पर यह स्पष्ट होता है कि छोटी कक्षा में पढऩे वाले बच्चों की अपेक्षा उच्च कक्षा में पढऩे वाले ज्यादा बच्चों के पास स्मार्टफोन उपयोग के लिए उपलब्ध है।