रीगा चीनी मिल प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी : उपमुख्यमंत्री
पटना (आससे)। उप मुख्यमंत्री सह वित्त एवं वाणिज्यकर मंत्री तारकिशोर प्रसाद राजद के ललित कुमार यादव के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में स्वीकार किया कि बैंकर्स सरकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे सरकार की योजनाओं में बरूखी प्रदर्शित करते हैं। हालांकि छह मार्च को एसएलबीसी की स्पेशल बैठक में बैंकों के रवैये पर चिंता व्यक्त करते हुए सीडी रेशियो बढ़ाने व जरूरतमंदों को ऋण देने में आन कानी नहीं करने की हिदयात दी गयी है।
उप मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में सदन को बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में राज्य में कुल एक लाख ५३ हजार ५१५ सर्वेक्षित फुटपाथ बिक्रेता हैं। इसमें से ८९६१२ दुकानदारों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया, जिसमें २८५३७ आवेदन की स्वीकृति दी गयी है तथा १३८३८ को ही ऋण उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की मार्गनिदेशिका के अनुरूप जनमा को ऋण प्रदान करने के लिए बैंकों को निर्देशत किया गया है। प्रयास यह है कि नार्म्स के मुताबिक विकास के लिए बैंक ऋण दे। बैकों को लंबित आवेदनों का निष्पादन करने को कहा गया है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि नयी बैंक शाखा खोलने के लिए सूची एसएलबीसी कोऑर्डिनेटर को सौंप दी गयी है।
वहीं मोती प्रसाद के ध्यानाकर्षण के जवाब में गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने सदन को बताया कि रीगा चीनी मिल निजी कंपनी द्वारा संचालित है। चालू पेराई सत्र में कंपनी ने मिल को बंद किया है। मिल प्रक्षेत्र के गन्ना उत्पादकों को अन्य चीनी मिल से संबद्घ कर उसके गन्ने को खरीदा जा रहा है। मिल के उपर लगभग ४७ करोड़ रुपया किसानों का बकाया है। उसके भुगतान के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। मिल प्रबंधन के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
उसकी गिरफ्तारी के लिए कोलकाता स्थित उसके ठीकाने पर एसआइटी छापामारी कर रही है। इसके अतिरिक्त बाये राशि की वसूली के लिए जिला नीलाम वाद पदाधिकारी के यहां मामला दर्ज किया गया है, जिसकी सुनवाई की तिथि २७ मार्च निर्धारित है। इधर अरुण शंकर प्रसाद के धनाकर्षण सूचना में परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने सडक़ दुर्घटलनाओं के लिए वाहनों की तिव्र गति तथा दूसरे लेन में परिचालन प्रमुख कारण है।