पटना

पटना मेट्रो के पीएमसीएच स्टेशन को बनाया जायेगा अंडरग्राउंड


पटना (आससे)। बिहार की राजधानी पटना में बन रही मेट्रो के प्रस्तावित पीएमसीएच स्टेशन का अब भूमिगत निर्माण किया जाएगा। इसे पहले जमीन के ऊपर बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। स्टेशन परिसर के अंदर प्रवेश या निकास के लिये दो द्वार होंगे। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के एक बयान के अनुसार 31 किलोमीटर लंबी पटना मेट्रो रेल परियोजना से बिहार की राजधानी में 10 लाख से अधिक यात्रियों को लाभ होने की उम्मीद है।

इस परियोजना में दानापुर-मीठापुर-खेमनी चक कॉरिडोर (लाइन-1) और पटना रेलवे स्टेशन-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल कॉरिडोर (लाइन-2) शामिल हैं। बता दें कि डीएमआरसी प्राचीन शहर में मेट्रो लाइनों के निर्माण में पटना मेट्रो रेल निगम (पीएमआरसी) की सहायता कर रहा है। डीएमआरसी ने कहा कि पटना के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) को जल्द ही मेट्रो से जोड़ा जाएगा, क्योंकि पटना मेट्रो रेल परियोजना के तहत आने वाला पीएमसीएच मेट्रो स्टेशन ‘अस्पताल परिसर के नीचे से गुजरेगा।’

अधिकारियों ने बताया कि यह बहुत आवश्यक है क्योंकि मेट्रो स्टेशन उन लोगों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा जो अपनी चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए पीएमसीएच आएंगे। पीएमसीएच मेट्रो स्टेशन पीएमआरसी के 14.45 किलोमीटर लंबे पटना रेलवे स्टेशन-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल कॉरिडोर (लाइन-2) का हिस्सा होगा।

डीएमआरसी के बयान में कहा गया है कि पीएमसीएच स्टेशन को पहले जमीन के ऊपर बनाया जाना था। बाद में यह महसूस किया गया कि जमीन के ऊपर स्टेशन बनाने से बड़ी संख्या में आस-पास की संरचनाओं को आंशिक या पूर्ण रूप से ध्वस्त करना पड़ेगा। इसके अलावा व्यस्त सडक़ पर स्टेशन के निर्माण से सडक़ यातायात ठप हो जाएगा, क्योंकि कैथोलिक चर्च और पीएमसीएच के बीच अशोक राजपथ की चौड़ाई बेहद संकरी है।

बयान में कहा गया है कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए स्टेशन के भूमिगत निर्माण का निर्णय लिया गया है। बता दें कि पीएमसीएच परिसर गंगा नदी के एक किनारे पर स्थित है और उसकी दूसरी तरफ पुराना अशोक राजपथ है। मूल रूप से ‘प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज’ के नाम से जाने जाने वाले ऐतिहासिक संस्थान की स्थापना तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स की वर्ष 1921 में हुई पटना यात्रा की स्मृति में 1925 में की गई थी।