पटना

पटना: लाखों छात्र-छात्राओं को मिलेगा वजीफा


♦पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए पोर्टल का शुभारंभ ♦आवेदन के एक माह के अंदर खाते में जायेगी राशि ♦तीन वर्षों की छात्रवृत्ति मिलेगी एक साथ ♦एससी-एसटी, पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं की बल्ले-बल्ले

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में पिछड़ा, अतिपिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति-जनजाति के वैसे लाखों छात्र-छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप मिलेगी, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक होगी। राज्य के अंदर एवं बाहर प्रवेशिकोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत ऐसे लाखों छात्र-छात्राओं को फिलहाल वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 की स्कॉलरशिप की राशि एक साथ मिलेगी। तीनों वर्षों को मिला कर छात्र-छात्राओं की संख्या नौ लाख से ज्यादा है।

इसके लिए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन ने शुक्रवार पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप पोर्टल का शुभारंभ किया। शिक्षा विभाग के डॉ. मदन मोहन झा स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम से उपमुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ी रहीं। आपको बता दूं कि राज्य में पिछड़ा, अतिपिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति-जनजाति के वैसे छात्र-छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप मिला करती थी, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये तक हुआ करती थी। इस सीमा की बढ़ा कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा तीन लाख तक की गयी है।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस पोर्टल से स्कॉलरशिप का भुगतान आसान हो गया है। आवेदन देने के एक माह के अंदर डीबीटी के जरिये संबंधित छात्र-छात्राओं के खाते में राशि चली जायेगी। इस व्यवस्था से पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो गयी है। नयी प्रक्रिया के तहत छात्र-छात्राओं द्वारा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान उनके जाति, आवासीय एवं आय प्रमाण पत्रों का सत्यापन ऑनलाइन हो जायेगा।


गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा को आगा खान फाउंडेशन के साथ करार

पटना (आशिप्र)। राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा के लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) का आगा खान फाउंडेशन के साथ करार (एमओयू) हुआ है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार की उपस्थिति में शुक्रवार को करार पर हस्ताक्षर हुआ। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से निदेशक विजय कुमार हिमांशु तथा आगा खान फाउंडेशन की ओर से पवन ओझा ने करार पर हस्ताक्षर किया। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में आगा खान फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहा है।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी  ने कहा कि आगा खान फाउंडेशन के साथ राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के हुए करार से स्कूली शिक्षा व्यवस्था में प्रभावकारी परिवर्तन होगा। करार के तहत शिक्षकों में क्षमता का विकास होगा। यह प्रयास होगा कि स्कूली पाठ्यक्रम को रुचिकर बनाया जाय।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार ने कहा कि   करार के तहत शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा। किताबें पूर्ण कैसे हों, इस पर काम होगा। इसके लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद की क्षमता का विकास जरूरी है। आगा खान फाउंडेशन द्वारा राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद को तकनीकी क्षमता और एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट भी दिया जायेगा। इससे राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद का क्षमताववर्धन होगा।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार एवं सचिव असंगबा चुबा आओ सहित उच्चाधिकारियों को मोमेंटो के रूप मिथिला पेंटिंग भेंट की गयी। 


राज्य के अंदर के आवेदकों को जिला कल्याण पदाधिकारी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एसएसए) द्वारा गठित समिति के माध्यम से तथा राज्य के बाहर के आवेदकों को थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन एजेंसी द्वारा समयबद्ध तरीके से सत्यापित कराया जायेगा। थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन एजेंसी के चयन की प्रक्रिया पूर्ण होने तक पूर्व से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जायेगा। संस्थान के सत्यापन के उपरांत जिला कल्याण पदाधिकारी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एसएसए) द्वारा गठित समिति एवं थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन एजेंसी द्वारा सत्यापित आवेदनों को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एसएसए) अपने लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड से स्वीकृत अथवा अस्वीकृत दोनों कोटि के आवेदनों के जिला स्तर पर उपविकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष उपस्थापित किया जायेगा।

समिति द्वारा भुगतान की अनुशंसा करने पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एसएसए) स्वीकृत आवेदनों को ऑनलाइन मुख्यालय को अग्रसारित करेंगे। मुख्यालय स्तर पर प्राप्त इन आवेदनों को पंद्रह दिनों के अंदर आवेदकों के बैंक खाते में राशि चली जायेगी। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3,22,785 छात्र-छात्राओं को 1,70,93,61,636 रुपये की राशि छात्रवृत्ति के रूप में मिली थी।

अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन ने  इस स्कॉलरशिप के लिए वार्षिक आय की सीमा तीन लाख तक किये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे लाखों छात्र-छात्राओं की पढ़ाई आसान हो गयी है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार, कल्याण विभाग के सचिव पंकज कुमार एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने योजना से जुड़ी विभिन्न पहलुओं की चर्चा की। श्री शैलेंद्र ने  कहा कि पोर्टल से प्रक्रिया कैसे आसान हो गयी है। समारोह का संचालन शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा ने किया। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक विजय कुमार हिमांशु ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद थे।