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- बर्दास्त नहीं करेंगे, मुख्य सचिव और डीजीपी करेंगे जांच : नीतीश
- कोई भी दोषी होंगे काररवाई होगी : विजय
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(आज समाचार सेवा)
पटना। विधानसभा परिसर में शराब की बोतल मिलने को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। हंगामे के चलते विधेयकों के पेश करने और उस पर चर्चा कराने में विलंब हुआ। हंगामे के बीच सदन में पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा परिसर में शराब की बोतल मिले, इसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता। अगर इजाजत मिले तो इस पूरे मामले की जांच मुख्य सचिव और डीजीपी से करा देंगे। हालांकि विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसकी इजाजत दे दी। बाद में मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और डीजीपी को मुख्यमंत्री ने अपने कक्ष में तलब किया गया। मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों को तुरंत जांच कर दोषियों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो जानता नहीं था। विधानसभा परिसर में शराब की बोतल मिले, यह खराब बात है। इसे बरदास्त नहीं किया जायेगा। मुख्य सचिव और डीजीपी से आज ही इंक्वायरी करा देते हैं। यहां कैसे आया, कोई तो गड़बड़ी करने वाला होगा। छोड़ा नहीं जायेगा। कोई तो गड़बड़ करने वाला है, हम बरदास्त नहीं करें। उन्होंने कहा कि एक-एक चीज को देखा जायेगा। कौन आया, कैसे आया। गंभीरता से जांच की जायेगी।
इससे पूर्व भोजनावकाश के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस मसले को उठाते हुए कहा कि समीक्षा बैठक के बाद सीएम चैंबर के ५० मीटर की दूरी पर शराब की बोतल मिलना। कड़ी सुरक्षा के बावजूद यह कैसे यहां आया। सबों ने शपथ लिया था। कुछ दिन पूर्व एक बार फिर मंत्रियों, अधिकारियों व विधायकों को शपथ दिलायी गयी। अगर विधानसभा परिसर में शराब की बोतल मिलता है तो मुख्यमंत्री जी को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। गृह मंत्री सो रहे थे क्या? उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर तो शपथ दिलाया गया, परंतु नशा मुक्ति के लिए क्या किया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नये-नये लोग नौजवानों की तो अध्यक्ष महोदय सुन लीजिये। हमलोग सरकार में थे उसी वक्त शराबबंदी कानून लागू किया गया। ६५ लोग जहरीली शराब से मारे जाते हैं। नशा मुक्ति मकसद था, आखिर इस पर क्या किया गया।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष शराबबंदी कानून के प्रति सजग हैं। कानून को सफल बनाने के प्रति सजग हैं। सरकार की ओर से उन्हें धन्यवाद देते हैं। उन्होंने समीक्षा बैठक का हवाला दिया है। सफलता का पूरा श्रेय विधानमंडल को हैं। बोतलें बरामद हो रही है, माफियाओं को पकड़ा जा रहा है। हम तो माननीय सदस्यों को आमंत्रि करते हैं आप सरकार को सूचित करें कि कहां शराब बेची ज रही है। इसके कौन संरक्षक हैं। ऐसा कीजियेगा तो सरकार अपने आपकों उपकृत समझोगी। इस कैंप में सरकार से जिस रुप में जिस स्तर जांच कराना चाहते हैं सरकार तैयार है। जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई करने को तैयार हैं।
विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने हंगामा को शांत करने के उद्देश्य से कहा कि सदन विमर्श का जगह है। गंभीरता से विषय को रखने की जगह है। कई संशोधन के निर्णय हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष सत्ता पक्ष में थे और हम विपक्ष में थे। हमने कई संशोधन पेश किया था। संकल्प लिये थे, कोई खामी है तो बताईये उसे सुधारा जायेगा।