पटना

पटना: विधायकों की पिटाई को लेकर विस में हंगामा


      • ललित के सवाल पर मंत्री असहज, बेल में हुई नारेबाजी
      • गैस का सिलेंडर लेकर और प्याज की माला पहन महंगाई पर जताया विरोध
  • (आज समाचार सेवा)

पटना। सोमवार को रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे माले कार्यकर्ताओं एवं तीन विधायक की पिटाई मामले को लेकर विधानसभा के बाहर और भीतर माले विधायकों ने जबरदस्त हंगामा किया। हंगामा तीन बार हुआ। वहीं राजद के सदस्यों ने महंगाई का विरोध अजूबे ढंग से किया। महिला सदस्य सर पर गैस का सिलेंडर लिये हुए थे तो पुरूष सदस्य प्याज का माला पहन प्रदर्शन कर रहे थे।

राजद विधायक ललित यादव के प्रशन के जवाव के क्रम में ही राजद सदस्यों ने हंगामा किया। बेल में आकर करीब आधे घंटे तक नारेबाजी करने लगे। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही माले विधायक दल के नेता महबूब आलम में पार्टी के तीन विधायकों की पुलिस द्वारा पिटाई करने एवं गंदा पानी का बौछार करने का मामला उठाते हुए सरकार से इस मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट करने व दोशी पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का मामला उठाया।

उनके समर्थन में राजद विधायक भाई वीरेंद्र एवं ललित यादव, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा समेत कई नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए कार्रवाई करने एवं चर्चा कराने की मांग की। स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस मामले को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव आया है और इसके अलावा भी कई अवसर आयेंगे उस वक्त इस मामले को उठाइयेगा, तब जाकर मामला शांत हुआ।

प्रश्नोत्तर काल की समाप्ति के बाद एक बार फिर मामला उठा। नियमों के प्रतिकूल ध्यानाकर्षण प्रस्ताव नहीं रहने के कारण अमान्य कर दिया गया। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। संपूर्ण विपक्ष बेल में आकर नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने सरकार को निर्देश दिया कि मामला गंभीर है और सरकार इस मसले को गंभीरता से संज्ञान ले।

राजद के ललित यादव ने दरभंगा के सीडीपीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार और लंबे समय से लिपिकों के बने रहने के कारण लोगों के परेशान होने का मामला उठाया। समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के जवाब के क्रम में इतना कहते कि लिपिक का स्थानांतरण जिला पदाधिकारी करते हैं। दोनों लिपिक सेवानिवृत होने के बाद वहां संविदा पर कार्य कर रहे हैं। इतना सुनते ही ललित यादव हत्थे से उखर गये और कहने लगे सरकार बड़ा है या कलेक्टर। मंत्री को नाजायज सुविधा पहुंचायी जा रही।

इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। श्री यादव अकेले बेल में आ गये और विपक्षी सदस्यों को बेल में आने का इशारा करने लगे। कुछ देर तक तो कोई नहीं आया। बाद में पहुंचा। हंगामे के बीच अवध बिहारी चौधरी की पहल पर मामला शांत हुआ। स्पीकर ने मंत्री को निर्देश दिया कि पूरे माममले की जांच कराइये और दोषी पर कार्रवाई कीजिए।