पटना

पटना विश्वविद्यालय में बनेगा अकादमिक भवन


      • पीयू में बनेगा प्रशासनिक भवन भी, एमयू में बनेगा सौ बेड का हॉस्टल
      • विश्वविद्यालयों के धरोहर भवनों की सुरक्षा की भी योजना

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों में अव्वल माने जाने वाले पटना विश्वविद्यालय में 150 करोड़ रुपये की लागत से प्रशासनिक भवन एवं अकादमिक भवन बनेगा। इसके साथ ही मगध विश्वविद्यालय एवं पूर्णिया विश्वविद्यालय में भी करोड़ों रुपये की लागत से निर्माण कार्य शुरू होंगे। करोड़ों रुपये के खर्च से विभिन्न विश्वविद्यालयों के धरोहर भवनों की भी सुरक्षा की योजना है।

पटना विश्वविद्यालय के अकादमिक भवन के निर्माण के लिए 90 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है। पटना विश्वविद्यालय के ही प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए 57.83 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है।

दूसरी ओर मगध विश्वविद्यालय में 100 शैय्या वाला छात्रावास बनेगा। यह छात्रावास मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय बोध गया में बनेगा। उधर, नवस्थापित पूर्णियां विश्वविद्यालय में चहारदिवारी बनेगी। इस पर छह करोड़ 18 लाख रुपये खर्च होंगे। इसी प्रकार नालंदा खुला विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपये की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा दी गयी है।

विभिन्न विश्वविद्यालयों के धरोहर भवनों की सुरक्षा की योजना में पटना विश्वविद्यालय एवं बीआरए बिहार विश्वविद्यालय शामिल हैं। पटना विश्वविद्यालय का व्हीलर सिनेट हॉल, जो एक धरोहर है, की मरम्मती 2.50  करोड़ रुपये की लागत से करायी जायेगी। इसी प्रकार बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के लंगट सिंह कॉलेज के धरोहर भवनों की सुरक्षा के लिए 16 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य शुरू किये जायेंगे।

शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा वैसे अनुमंडल जहां डिग्री कॉलेज नहीं थे, में डिग्री कॉलेज खोले जा रहे हैं। ऐसे  डिग्री कॉलेजों को संबंधित क्षेत्राधिकार वाले विश्वविद्यालयों के अंगीभूत इकाई के रूप में स्वीकार करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना के लिए 96 करोड़ रुपये की राशि विमुक्त की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में संबद्ध डिग्री कॉलेजों को अनुदान देने के लिए 108 करोड़ रुपये विमुक्त किये जा चुके हैं। 141 करोड़ रुपये और विमुक्त करने का निर्णय लिया जा चुका है।

विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं सरकारी कॉलेजों के विकास के लिए 317 करोड़ रुपये का उद्व्यय स्वीकृत किया गया है। इसमें से 50 करोड़ रुपये की राशि विमुक्त की जा चुकी है। 180 करोड़ रुपये की योजनाओं की स्वीकृति अंतिम चरण में है। शेष राशि विमुक्ति हेतु काररवाई प्रक्रियाधीन है। मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को प्रोत्साहन के रूप में 25 हजार रुपये की राशि दी जाती थी, जो एक अप्रैल 2021 के पश्चात उत्तीर्ण छात्राओं के लिए 50 हजार रुपये हो गयी है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 38,103 छात्राओं के लिए 95 करोड़ 25 लाख 75 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है।