पटना

पटना: शिक्षकों की आवश्यकता का नये सिरे से होगा आकलन


सेकेंडरी-प्लसटू स्कूलों के पदों का होगा रेशनलाइजेशन, शिक्षा विभाग ने बनायी उच्चस्तरीय कमेटी

डॉ. लक्ष्मीकान्त सजल-

पटना। राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए निर्धारित शिक्षक-छात्र अनुपात को ध्यान में रखते हुए पदों की स्वीकृति में एकरूपता के लिए पदों का युक्तिकरण (रेशनलाइजेशन) होगा। इसके तहत बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षकों की न्यूनतम आवश्यकता का भी आकलन होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक उच्चस्तरीय कमेटी बनायी है। कमेटी को पंद्रह दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

दरअसल, राज्य में माध्यमिक शिक्षा के सर्वव्यापीकरण के तहत माध्यमिक विद्यालय विहीन 6,421 पंचायतों में एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गयी है। उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना के क्रम में पंचायतों में अवस्थित मध्य विद्यालय, जिसमें पर्याप्त आधारभूत संरचना एवं न्यूनतम 75 डिसमिल भूमि की उपलब्धता पर ध्यान रखा गया है। इस प्रकार स्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक ही विद्यालय में 1ली कक्षा से 12वीं कक्षा तक की पठन-पाठन की व्यवस्था की गयी है।

मध्य विद्यालयों में पूर्व से 6ठी से 8वीं कक्षा के लिए स्नातक प्रशिक्षित कला एवं स्नातक प्रशिक्षित विज्ञान के शिक्षक का पद स्वीकृत है। 9वीं एवं 10वीं कक्षा के लिए स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के छह (हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, गणित, विज्ञान, द्वितीय राजभाषा) पद स्वीकृत हैं। 11वीं एवं 12वीं कक्षा के लिए कला एवं विज्ञान के लिए 14 पद तथा कला, विज्ञान एवं वाणिज्य के लिए 16 पद स्वीकृत हैं।

इसी प्रकार राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय के लिए प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों के कुल 10 पद एवं परियोजना बालिका माध्यमिक विद्यालय के लिए प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों के कुल नौ पद स्वीकृत हैं। ये सभी पद मरणशील घोषित हैं। रिक्त होने वाले इन पदों पर पंचायतीराज-नगर निकाय संस्था से शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है।

इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पदों की स्वीकृति में एकरूपता एवं निर्धारित शिक्षक-छात्र अनुपात को दृष्टिगत रखते हुए युक्तिकरण (रेशनलाइजेशन) की आवश्यकता महसूस की है। उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए निर्धारित शिक्षक-छात्र अनुपात 1:60 है। इसके साथ ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षकों के न्यूनतम आवश्यकता के आकलन की जरूरत भी शिक्षा विभाग ने महसूस की है।

इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा बनायी गयी उच्चस्तरीय कमेटी के अध्यक्ष विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक बनाये गये हैं। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को सदस्य सचिव बनाया गया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के शैक्षणिक निदेशक, माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक चंद्रशेखर प्रसाद शर्मा, प्राथमिक शिक्षा के उप निदेशक प्रभात कुमार पंकज, पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अपर राज्य परियोजना निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) रविशंकर सिंह सदस्य बनाये गये हैं।

इस बीच आवश्यकता आधारित रिक्ति के युक्तिकरण (रेशनलाइजेशन) के लिए पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जिले के राजकीय, राजकीयकृत, परियोजना माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों की विवरणी ले ली गयी है।