पटना

पटना: शिक्षकों के सर्टिफिकेट की होगी निगरानी जांच


पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं करने वालों में खलबली

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। पोर्टल पर अपलोड हुए पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच होगी। निगरानी से जांच कराने के लिए पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड कराये गये हैं।

पटना उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में वर्ष 2006 से 2015 तक नियुक्त पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट की निगरानी जांच करायी जा रही है। तकरीबन 3,12,180 शिक्षकों में से तकरीबन 89,874 शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर जांच के लिए जब निगरानी को नहीं मिले, तो उनसे सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड कराने का फैसला लिया गया। इसके लिए एनआईसी के सहयोग से शिक्षा विभाग का पोर्टल बना। वेबसाइट पर उन शिक्षकों की सूची जारी की गयी, जिनके सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड होने थे। उसके बाद शिक्षकों को 21 जून से लेकर 20 जुलाई तक सर्टिफिकेट इस चेतावनी के साथ पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया कि ऐसा नहीं करने पर उनकी नौकरी तो जायेगी ही, उनके द्वारा वेतनादि मद में ली गयी राशि भी वसूल की जायेगी।

हालांकि, सर्टिफिकेट अपलोड करने की अवधि में शिक्षक संगठनों द्वारा यह सवाल भी उठाये गये कि वेबसाइट पर शिक्षकों से जुड़ी जानकारियों में कई प्रकार की त्रुटियां हैं, जिससे शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके मद्देनजर त्रुटियों के निराकरण के निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को दिये गये। इस बीच सर्टिफिकेट अपलोड करने की तिथि बढ़ाने और ऑफलाइन सर्टिफिकेट लेने की मांग भी लगातार उठती रही। इसके बीच बीच मंगलवार को सर्टिफिकेट अपलोड करने की अंतिम तिथि समाप्त हो गयी। अंतिम तिथि तक निगरानी जांच से छूटे शिक्षकों में से तकरीबन 95 फीसदी शिक्षकों के सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड हो गये। पोर्टल पर अपलोड हुए सर्टिफिकेट्स जांच के लिए निगरानी को उपलब्ध कराये जायेंगे।

इस बीच उन शिक्षकों में खलबली मची हुई है, जो किसी कारणवश पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं कर पाये हैं। ऐसे शिक्षक पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के समक्ष पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए तिथि बढ़ाने की अपनी मांग रखने के लिए राज्य के कई हिस्सों से ऐसे शिक्षक पटना भी पहुंचे हैं। इनमें ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनकी दलील है कि तकनीकी वजह से पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं कर पाये।