पटना

पटना: स्कूलों में जल्द जलेंगे मिड डे मील के चूल्हे


बच्चों को फिर से गरमागरम भोजन परोसने पर चल रहा विचार

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के चूल्हे जल्द जलने वाले हैं। उस पर पहले की तरह ही मेनू के हिसाब से बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन पकेगा। बच्चों को गरमागरम भोजन फिर से परोसे जायेंगे। मध्याह्न भोजन योजना के दायरे में प्रदेश के प्रारंभिक विद्यालयों के 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चे हैं। ऐसे विद्यालयों की संख्या तकरीबन 72 हजार है। इनमें तकरीबन 29 हजार मध्य विद्यालय एवं 43 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं।

प्राथमिक विद्यालयों में 1ली से 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। इससे इतर मध्य विद्यालयों में 1ली से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई की व्यवस्था है। प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों को मिला दें, तो दोनों में 1ली से 8वीं कक्षा तक के बच्चों की संख्या पौने दो करोड़ के करीब है।  इन स्कूलों में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन पकाने के लिए रसोइये हैं। मेनू के हिसाब से प्रत्येक कार्यदिवस को  बच्चों को पका-पकाया गरमागरम भोजन परोसने की व्यवस्था है।

यह व्यवस्था कोरोनाकाल में ठप पड़ गयी, ताकि बच्चों को कोरोना से बचाया जा सके। बच्चों के बचाव को लेकर लॉकडाउन के पहले से ही स्कूल बंद कर दिये गये। लॉकडाउन के बाद चरणबद्ध तरीके से स्कूल खुले भी, तो कोरोना बचाव को लेकर ही सतर्कता के तहत मध्याह्न भोजन योजना के चूल्हे स्कूलों में नहीं चलाये गये। स्कूलों के पढ़ाई के लिए बंद रहने के बावजूद प्रत्येक कार्यदिवस के हिसाब से बच्चों को खाद्यान्न दिये जाने लगे। खाद्यान्न लेने के लिए स्कूलों में बच्चों के अभिभावक बुलाये जाने लगे। भोजन पकाने के मद की राशि बच्चों के बैंक खाते में जाने लगी। यह व्यवस्था कोरोना से बचाव को लेकर स्कूल खुलने के बाद भी चल रही है। इस व्यवस्था के तहत 1ली से 5वीं कक्षा के बच्चों को प्रति कार्यदिवस 100 ग्राम खाद्यान एवं पकाने के मद में 4.97 रुपये मिलते हैं। इसी प्रकार 6ठी से 8वीं कक्षा के बच्चों को प्रति कार्यदिवस 150 ग्राम खाद्यान एवं पकाने के मद में 7.45 रुपये मिलते हैं।

अब, फिर से पहले की तरह ही बच्चों को पका-पकाया गरमागरम भोजन परोसने पर विचार चल रहा है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार ने सोमवार को रसोइया संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सरकार 15 नवंबर से विद्यालयों में भोजन बनवाने की बात सोच रही है। बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (एक्टू), बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐटक) एवं बिहार राज्य मध्याह्न भोजन कर्मचारी यूनियन (एआईयूटीयूसी) का प्रतिनिधिमंडल विधायक मनोज मंजिल के नेतृत्व में अपर मुख्यसचिव से मिला तथा उन्हें ज्ञापन दिया। प्रतिनिधिमंडल में सरोज चौबे, डॉ. रमाकांत अकेला एवं अनामिका शामिल थीं।