पटना

पटना: स्कूलों में तैयारी, 6ठी से 8वीं की पढ़ाई की बारी


40 हजार स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी, दो पाली में चलेंगे अधिक बच्चों वाले स्कूल

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में प्रति कार्यदिवस 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति के साथ आठ फरवरी से 6ठी से 8वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू हो जायेगी। बच्चों के साथ ही शिक्षक-कर्मचारियों के लिए मास्क अनिवार्य होगा। कक्षा में बच्चे छह फीट की दूरी पर बैठेंगे। शिक्षक-कर्मचारियों के लिए भी छह फीट की दूरी पर बैठना अनिवार्य होगा। अधिक नामांकन वाले स्कूल दो पाली में चलेंगे। हर पाली के लिए समय को परिस्थिति के अनुकूल कम करने की छूट होगी। सरकारी स्कूलों के 6ठी से 8वीं कक्षा के सभी बच्चों को दो-दो मास्क ‘जीविका’ के माध्यम से दिये जायेंगे। शिक्षक-कर्मचारियों की उपस्थिति पूर्ण क्षमता के अनुरूप होगी।

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने आठ फरवरी से स्कूलों में 6ठी से 8वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू करने को लेकर शुक्रवार को जिलाधिकारियों एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं। राज्य में 6ठी से 8वीं कक्षा की पढ़ाई वाले स्कूलों की संख्या तकरीबन 40 हजार है। इनमें तकरीबन 29 हजार सरकारी स्कूल हैं। बाकी तकरीबन 10 हजार प्राइवेट स्कूल हैं। ये सभी प्राइवेट स्कूल आरटीई के तहत रजिस्टर्ड हैं।

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक सरकारी स्कूलों में साफ-सफाई की सुविधा, डिजिटल थर्मामीटर, सेनेटाइजर, साबुन आदि की व्यवस्था विद्यालय शिक्षा समिति द्वारा की जायेगी। स्कूलों में आकस्मिक सुरक्षात्मक संबंधी तैयारी के लिए उत्तरदायी टीम का गठन होगा, जो विद्यालय के सेनेटाइजेशन, साफ-सफाई, सामाजिक दूरी आदि के लिए उत्तरदायी होगा। इस टीम में विद्यार्थी, शिक्षक एवं विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य होंगे। स्टाफरूम, ऑफिस एवं विजीटर्स रूम में भी छह फीट की दूरी पर ही बैठना अनिवार्य होगा।

स्कूल के प्रवेश व निकास द्वार पर अलग-अलग कक्षा के लिए अलग-अलग समय तय होंगे। स्कूल के सभी गेट आगमन और प्रस्थान के समय पूरी तरह खुले रखे जायेंगे, ताकि एक जगह भीड़ जमा नहीं हो। अभिभावकों एवं बच्चों के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग होगा। स्कूल के बाहरी वर्ग कक्ष, बाहरी नोटिस बोर्ड, दीवार आदि पर सामाजिक दूरी का पालन, मास्क लगाने, सेनेटाइजेशन, हाथ सफाई, यत्र-तत्र थूक फेंकने पर प्रतिबंध के संबंध में मुद्रित पोस्टर लगाये जायेंगे।

आगंतुक कक्ष, हाथ सफाई स्थल, पेयजल केंद्र व टॉयलेट के बाहर जमीन पर वृत्ताकार चिन्ह छह फीट के दूरी पर बनाये जायेंगे। वर्ग कक्ष का आकार छोटा होने पर कम्प्यूटर रूम, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला का उपयोग छह फीट की दूरी पर बैठने के लिए किये जायेंगे। स्कूल एसेम्बली कक्षा में ही अलग-अलग क्लास टीचर के दिशा-निर्देश में लगेगी। समारोह व त्योहार जैसे आयोजन नहीं होंगे। संभव हो, तो टीचर-पैरेंट्स मीटिंग वर्चुअल होगी। संभव होने पर नामांकन भी ऑनलाइन होंगे। शिक्षक एवं विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच होगी।

विद्यार्थियों के साथ उनके माता-पिता या अभिभावक से अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय यात्रा से संबंधित अद्यतन जानकारी ली जायेगी। स्कूल के अंदर बाहरी भेंडर द्वारा खाद्य सामग्री बेचने पर रोक होगी। बच्चों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा कि घर से ही पका-पकाया पौष्टिक खाना लायें। स्कूलों की नियमित सफाई होगी, लेकिन उसमें बच्चे नहीं लगाये जायेंगे। छुये जाने वाले तल यानी दरवाजे की कुंडी, डैशबोर्ड, डस्टर, बेंच-डेस्क निरंतर सफाई के साथ सेनेटाइज किये जायेंगे। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि बच्चे मास्क अदला-बदली न करें। और भी कई मानक दिशा-निर्देश में तय किये गये हैं।

आपको बता दूं कि कोरोना से बचाव को लेकर गत 13 मार्च को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए तमाम शिक्षण संस्थान बंद करने का फैसला राज्य सरकार ने लिया। उसके अगले दिन से सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गये। कोरोना से बचाव को लेकर 22 मार्च को राष्ट्रीय स्तर पर जनता कर्फ़्यू लगा। और, उसके एक दिन बाद पूरे देश में लॉकडाउन लागू हुआ। स्कूली छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं भी लॉकडाउन में फंस गयीं।

इसलिए कि सरकारी स्कूलों के 1ली से 8वीं कक्षा की परीक्षाएं मार्च के अंतिम हफ्ते में थीं। 9वीं एवं 11वीं कक्षा की परीक्षाएं भी नहीं हुईं थीं। चूंकि, अगले माह यानी अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होना था, इसलिए 1ली से 9वीं एवं 11वीं कक्षाओं के छात्र-छात्रा बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए प्रमोट कर दिये गये। अनलॉक फेज-वन शुरू हुआ, तो सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में मिड डे मील के अनाज बंटने शुरू हुए। इसके लिए बच्चों के अभिभावक बुलाये गये।

अनलॉक के अगले चरण में स्कूलों में 5वीं एवं 8वीं कक्षा से प्रमोट हुए बच्चों के क्रमश: 6ठी एवं 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए टी. सी. (स्थानान्तरण प्रमाण पत्र) बनने शुरू हुए। बाद में बच्चों का दाखिला भी शुरू हुआ। 11वीं कक्षा में भी बच्चों के दाखिले शुरू हुए। 28 सितंबर से स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षाओं के क्लासरूम के ताले प्रतिदिन 33 फीसदी छात्र-छात्राओं के लिए मागदर्शन कक्षा के नाम पर खुल गये। उसके बाद हर कार्यदिवस को अधिकतम 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ 9वीं से 12वीं कक्षा की पढ़ाई चार जनवरी से चल रही है।

दो बार होंगे सेनेटाइज स्कूल बस

स्कूल बसें हर दिन दो बार सेनेटाइज होंगी। एक बार बच्चों को लाने के पहले और दूसरी बार स्कूल से प्रस्थान के पूर्व। यह अनिवार्य प्रावधान शिक्षा विभाग ने अपने गाइडलाइन में किया है। गाइडलाइन के मुताबिक यह सुनिश्चित होगा कि स्कूल बस के चालक व उप चालक को सभी समय सामाजिक एवं भौतिक दूरी बनाये रखें। यदि आवश्यक हो, तो सामाजिक दूरी का पालन करने हेतु छह फीट दूरी के लिए अधिक बस लगाये जायेंगे। बस पर चढ़ते समय बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। बिना मास्क के बच्चे बस में नहीं बैठेंगे। बस की खिड़कियों पर पर्दा नहीं होगा। खिड़कियां खुली होंगी।

एसी बसों के लिए सीपीडब्ल्यूडी द्वारा निर्गत गाइडलाइन के अनुसार 24 से 30 डिग्री सेल्सियस एवं सापेक्ष आद्रता 40 से 70 प्रतिशत होगी। विद्यार्थियों से अनावश्यक रूप से सतह छूने से बचने को कहा जायेगा। बसों में हैंड सेनेटाइजेशन की व्यवस्था होगी।