पटना

पटना: स्कूलों में परोसा जायेगा नाश्ता


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में आने वाले दिनों में 72 हजार प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में पढऩे वाले करोड़ों बच्चों को नाश्ता भी परोसा जायेगा। हालांकि, नाश्ता परोसने की शुरुआत उन जिलों से होगी, जहां बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रारंभिक कक्षाओं के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन के साथ नाश्ता का प्रावधान किया गया है। मध्याह्न भोजन योजना केंद्र प्रायोजित है। इसके तहत वर्तमान में प्रारंभिक कक्षाओं के बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसा जाता है। इसके लिए मेनू तय है। वर्तमान में राज्य के 72 हजार सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना चल रही है। इनमें 43 हजार प्राइमरी स्कूल हैं, जिनमें 1ली से 5वीं कक्षा की पढ़ाई  होती है। बाकी 29 हजार मिडिल स्कूल हैं, जिनमें 1ली से 8वीं कक्षा की पढ़ाई की व्यवस्था है। प्राइमरी एवं मिडिल दोनों ही कोटि के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की संख्या तकरीबन 1 करोड़ 66 लाख है।

केंद्र सरकार ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 पिछले साल ही लागू करने का फैसला किया। उस पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी भी पिछले साल ही मिल गयी। उसके बाद से ही  केंद्र के स्तर पर नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर अमल शुरू हो गया। उसी के तहत प्री-नर्सरी एवं प्रारंभिक कक्षाओं को बच्चों को मध्याह्न भोजन के पहले नाश्ता परोसा जाना है। यानी, बच्चे घर से स्कूल आयेंगे, तो पहले उन्हें नाश्ता परोसा जायेगा। उसके बाद उनकी पढ़ाई शुरू  होगी। फिर, अपराह्न में उन्हें भोजन परोसा जायेगा। भोजन के साथ नाश्ता परोसने के पीछे का मकसद बच्चों को कुपोषण से बचाना है।

इसके मद्देनजर राज्य में पहले उन्हीं जिलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन के पहले नाश्ता परोसने की तैयारी हैं, जिन जिलों में बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। इसके साथ ही प्री-नर्सरी के बच्चों को नाश्ता के साथ मध्याह्न भोजन परोसने की तैयारी पर भी काम चल रहा है। वर्तमान में सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में प्री-नर्सरी की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है। बच्चों को परोसा जाना वाला नाश्ता में इस बात का खास ख्याल रखा जायेगा कि वह पौष्टिक हो। नाश्ता स्कूल किचेन में पकेगा। इसमें स्वयंसेवी या महिला संगठनों की मदद भी ली जा सकती है। बहरहाल, इसे लेकर केंद्र ने राज्य सरकार से सुझाव मांगा है।