पटना

पटना: 28 दिन बाद दुकानें खुलीं, बाजार हुए गुलजार


चूड़ी-शृंगार के सामान की खूब हुई बिक्री, बाकरगंज में मोबाइल, लैपटॉप की रिपेयरिंग के लिए पहुंचे ज्यादा लोग, फर्नीचर व्यवसायियों ने की पुराने ऑर्डर की सप्लाई

पटना (आससे)। कोविड-१९ की दूसरी लहर धीरे-धीरे अपनी भयावहता की छाप छोड़ अवसान की ओर चल पड़ी है। इसको देखते हुए ५ मई से जारी तालाबंदी में चार घंटे की ढील दे सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था और जीवन की रफ्तार को तेज करने का आदेश दे सड़कों व बाजारों को गुलजार किया। इसका नागरिकों ने खैरमकदम किया।

सरकार के आदेश से प्रात: छह बजे से दोपहर दो बजे तक निर्धारित दुकानें खुलीं। आदेश निर्गत होने के बाद ही बुधवार को खुलने वाली दुकानों की सफाई एक दिन पहले ही की जा चुकी थी। आज अधिकांश दुकानदार निर्धारित समय पर पहुंचकर पूजा-पाठ संपन्न कर ग्राहकों का इंतजार करने लगे। राजधानी के व्यस्ततम व्यापार केन्द्रों में से एक कदमकुआं का पूरा क्षेत्र आज प्रात: आठ से ही अनलॉक दिनों की यादें दिलाने लगा।

राज्य का एकमात्र चूड़ी-शृंगार सामग्री की थोक मंडी इसी क्षेत्र में है। राजधानी के नजदीकी क्षेत्रों के दुकानदारों ने आज समय में की गयी बढ़ोतरी का लाभ उठाने के लिए पूरी खरीददारी की। इस व्यवसाय में महिलाएं ज्यादा शामिल हैं। पुरुषों का काम सिर्फ सामान लाने व दुकानों में पहुंचाने भर का है, क्योंकि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं पुरुषों से चूड़ी व अन्य शृंगार सामग्री खरीदना पसंद नहीं करती हैं। चूड़ी मंडी में आज निर्धारित समय तक दो से ढाई करोड़ का व्यवसाय हुआ।

बाकरगंज बजाजा का इलेक्ट्रिॉनिक मार्केट भी सुबह से ही गुलजार हो गया था। इस मार्केट में आज सबसे ज्यादा भीड़ मोबाइल रिपेयरिंग करानेवालों की थी। इसके साथ-साथ लोकल मेड साउंड सिस्टम और छोटे-छोटै आधुनिक टीवी सेट की खूब बिक्री हुई। इस मार्केट में लैपटॉप ठीक करनेवाले अनेक कारीगर हैं। वर्क फ्रॉम होम कलचर के कारण लैपटॉप की बिक्री भी आज खूब हुई। इस मार्केट में अच्छे मॉडल का सेकेंडहैंड लैपटॉप भी आज बिका। मोबाइल रिपेयरिंग का वर्कशॉप पाट्ïर्स अब नहीं मिल रहे हैं। मिलते भी हैं तो दाम ज्यादा देना पड़ता है। फलस्वरूप वर्तमान स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो हमलोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जायेगा।

इसी मार्केट में टीवी रिपयेरिंग करनेवाले नीरज कुमार ने कहा कि पहले का टीवी सेट बन जाता था। अब का नया सेट पांच वर्ष में बननेलायक भी नहीं रहता है। पिछले वर्ष से ही कोरोना के कारण हमसबों की स्थिति खराब है। कोरेाना के कारण नया व्यवसाय शुरू नहीं कर सकते हैं। इस मार्केट में आज क्रय करनेवालों से ज्यादा रिपेयरिंग करानेवालों की भीड़ रही। नाला रोड में अवस्थित आज अधिकांश फर्नीचर की दुकानें खुलीं। २८ दिन बाद लकड़ी से लेकर लोहे की फर्नीचर, आलमारी की दुकानें खुलीं। यहां भी होलसेल व खुदरा व्यवसाय होता है।

आज अधिकांश दुकानदारों ने अपने पुराने आर्डर की सप्लाई की। शादी-विवाह का लगन का अभी मौसम है। इसके लिए भी आज बुकिंग हुई। प्रतिष्ठान खुलने से सभी दुकानदार खुश नजर आये। इन लोगों का कहना था कि सरकार दूसरे जिलों से आनेवाली गाड़ी को बगैर रोक टोक के आने दे। इससे आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में हम सभी सरकार के साथ हैं।  सैलून में बाल-दाढ़ी कटवाने वाले भी आज पहुंचे। होली के बाद कोरोना ने समाज में उथल-पुथल मचाया कि लोग बाल दाढ़ी कटवाना भूल गये। ग्राहकों की ज्यादा संख्या होने का नतीजा हुआ कि कई लोगों को सैलून मालिकों ने हाथ जोड़कर शुक्रवार के लिए टोकन देकर विदा किया। कई युवा टोकन को देख हंसते हुए कहने लगे कि अभी कोरोना का का देखतऊ।

विद्युत उपकरणों की दुकानें भी आज बिना रोक टोक के दो बजे दिन तक खुलीं। लॉकडाउन में अधिकांश लोग घरों में लॉक होने को मजबूर थे। नतीजा पंखा ज्यादा चला और खराब हो गया। पिछले पंद्रह दिनों से राजधानी के अधिकांश क्षेत्रों में खराब विद्युत व्यवस्था जारी है। कई घरों के बल्व, फ्रिज, कूलर, टीवी खराब हुए। हाई लो बोल्टेज के कारण कई घरों के इनवर्टर भी खराब हुए। इन सब लोगों ने आज जरुरत के हिसाब से सामान का क्रय किया।

कूलर व एसी की बिक्री शायद अगले हफ्ते रफ्तार पकड़े। आमलोगों में भ्रम उत्पन्न हो गया है कि एसी में रहनेवाले लोगों को कोरोना ने ज्यादा शिकार बनाया है। वैसे २८ दिनों तालाबंदी के बाद खुले बाजार में आज उत्साह व उमंग दोनों था। सभी को उम्मीद की किरण दिखी कि अब सब नार्मल हो जायेगा। सबकुछ के बावजूद आज भी कई लोग युवा से लेकर बुजुर्ग तक बगैर मास्क के बाजार में नजर आये। ऐसे लोगों के कारण ही कोरोना फैलता है। इसे रोकने की जरुरत है। सरकार सबकुछ नहीं कर सकती है।