पटना

पटना: 6ठी से 12वीं के बच्चों की 17 से टीवी पर पढ़ाई


      • 1ली से 5वीं के बच्चों को पढ़ाने जायेंगे शिक्षा सेवक
      • प्रधानाध्यापक-शिक्षक भी जायेंगे टोले में करेंगे मार्गदर्शन

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के 6ठी से 12वीं कक्षाओं के करोड़ों छात्र-छात्राओं के लिए ‘दूरदर्शन बिहार’ पर 17 जनवरी से पाठशाला लगेगी। इसके साथ ही 1ली से 5वीं कक्षा के बच्चों को टोले में पढ़ाने शिक्षा सेवक जायेंगे। प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक टोला भ्रमण कर बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे।

17 जनवरी से ‘दूरदर्शन बिहार’ पर लगने वाली पाठशाला में हर दिन सबेरे 9 से 10 बजे तक 6ठी से 8वीं कक्षा की पढ़ाई होगी। उसके बाद 10 बजे से 11 बजे दिन तक 9वीं से 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई होगी। 11वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई 11 बजे से 12 बजे दिन तक चलेगी।

6ठी से 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए ‘दूरदर्शन बिहार’ लगने वाली कक्षाएं टाटा स्काई-1154, डिश टीवी-1565, डीडी फ्री डिश-70 एवं एयरटेल-669 पर भी उपलब्ध होंगी।

‘दूरदर्शन बिहार’ पर शुरू होने वाली बच्चों की पढ़ाई को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार द्वारा शुक्रवार को जिलाधिकारियों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा माध्यमिक शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा एवं एसएसए के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। इसके मुताबिक वैसे बच्चे, जिनके पास डिजिटल डिवाइस की सुविधा उपलब्ध है, वे इ-लॉट्स (इ-लाइब्रेरी ऑफ टीचर्स एंड स्टूडेंस) पर उपलब्ध 1ली से 12वीं कक्षा तक की पुस्तकें एवं ई-कंटेंट के माध्यम से घर पर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।

अपर मुख्यसचिव श्री कुमार द्वारा दिये गये निर्देश में यह भी कहा गया है कि सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक कक्षावार ऐसे विद्यार्थियों का व्हाट्सएप ग्रुप बना कर तथा यथासंभव विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, जैसे जूम मीटिंग, गूगल मीट, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, फेसबुक पेज, यूट्यूब चैनल आदि का उपयोग कर अपने विद्यालयों के शिक्षकों के माध्यम से विद्यार्थियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

दूसरी ओर 1ली से 5वीं कक्षा के विद्यार्थियों के साथ-साथ वैसे बच्चे, जिनके पास डिजिटल डिवाइस की सुविधा उपलब्ध नहीं है, के लिए प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को गृह आधारित शिक्षण के लिए टोला भ्रमण कर मार्गदर्शन देंगे। इस कार्य में विद्यालय प्रधान अपने क्षेत्र के शिक्षा सेवक एवं तालिमी मरकज की सहभागिता एवं सहायता प्राप्त करेंगे।

राज्य में तकरीबन 250 केआरपी एवं उनके अधीन लगभग 28000 शिक्षा सेवा एवं तालिमी मरकज के शिक्षा सेवक कार्य कर रहे हैं। जिला स्तर से एक अथवा दो प्राथमिक विद्यालयों के साथ प्रत्येक शिक्षा सेवक एवं तालिमी मरकज शिक्षा सेवक कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करते हुए अपने संबद्ध विद्यालय के टोला में भ्रमण कर गृह आधारित शिक्षण में सहयोग करेंगे।

बहरहाल, इससे 1ली से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि कोरोना से बचाव को लेकर तीन जनवरी से राज्य के सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं।