पदमश्री रजनीकांत ने कहा कि पंडित दीनदयाल के सपना अंतिम व्यक्ति का कल्याण करना ही शासन का लक्ष्य होना चाहिए। पंडित दीनदयाल शोध पीठ ,काशी विद्यापीठ में आयोजित पंडित दीनदयाल की ५३वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वह विशिष्ट अतिथि के रूप में बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि जिन्हें हम आज अशिक्षित मानते हैं वो वास्तव में कि ज्ञान का भंडार हैं जो हमें अपने भविष्य और वर्तमान के छात्रों और शिक्षकों को सीखना चाहिए। वैज्ञानिक आधार पर भौगोलिक पहचान स्थापित कर बाजार में स्थापित करने के लिए छात्रों को आगे आने का आवाह्न किया। मुख्य वक्ता आनंद श्रीवास्तव ने पंडित के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम में पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वाइसचांसलर प्रोफेसर टी. एन. सिंह ने की।अतिथियों का स्वागत पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के सह- समन्वयक डॉक्टर के के सिंह ने किया। संचालन डॉक्टर उर्जस्विता सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन समाज कार्य संकायाध्यक्ष प्रोफेसर वन्दना सिन्हा ने किया।