पटना

पप्पू यादव ने बगैर जानकारी सारण के एम्बुलेंसों पर उठाया सवाल : रूड़ी


कहा- पप्पू जी कोविड में ड्राइवर दें, निःशुल्क सभी गाड़ी देने के लिए तैयार हूं

(आज समाचार सेवा)

पटना। आज जबरदस्ती अनाधिकृत रूप से पप्पू यादव अपने काफि़ले के साथ अमनौर के सामुदायिक केंद्र परिसर में प्रवेश किये और वहां के चौकीदार और अन्य कर्मियों से भिड़ते हुए कोविड के कारण चालकों की कमी से पंचायतों द्वारा लौटाए गये एम्बुलेंस, जो सुरक्षित रखे गये थे, उनको फोटो खिंचवाने के लिए तहस-नहस किया।

स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा इसका विरोध करने और उनसे यह सवाल पूछने कि क्या आपने इस तरह से एक भी एम्बुलेंस चलवाया हैं, तब वे वहां से छोड़कर भागे। इस संदर्भ में स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रुडी ने बताया कि कोविड मरीजों की सेवा में लगे एम्बुलेंस सेवा को पप्पू यादव का अपने समर्थकों के साथ बाधित करना और सेवा में लगे कार्यकर्ताओं से भिड़ना निंदनीय अपराध है।

उन्होंने कहा कि पप्पू यादव को यह पता नहीं है कि सारण जिला में कितने एम्बुलेंस का कितने ग्राम पंचायतों में परिचालन हो रहा है। विनोद सिंह और चौबे जी मुखिया के संदर्भ में दिया उनका बयान इस बात की तसदीक करता है। रुडी ने कहा कि उनको पहले यह पता कर लेना चाहिए था कि सारण जिला में सांसद निधि के कितने एम्बुलेंस चलाये जा रहे है। लच्छी कैतुका के सत्येन्द्र सिंह, सज्जनपुर मटिहान के मुखिया चन्द्रशेखर सिंह, नाथा छपरा मुखिया महेश राय, धरहरा खुर्द मुखिया किरन देवी, झौंवा मुखिया जयशंकर पड़ित आदि ऐसे कई मुखिया,  जिन्होंने कोविड काल में मरीजों की सेवा कर एक मिसाल कायम की है। पप्पू यादव को इनमें से किसी एक के संदर्भ में भी ज्ञान नही है।

उन्होंने कहा कि जिला में लगभग 80 एम्बुलेंस है, जिसमें से वर्तमान में 50 परिचालन में है। कई स्थानों पर पंचायतों के एम्बुलेंस को कोविड के कारण चालकों ने छोड़ दिया था, जिसके कारण उसका परिचालन नहीं हो पा रहा था। बावजूद इसके पर्याप्त संख्या में केंद्रीकृत सांसद कंट्रोल रूम से एम्बुलेंस सारण जिला में चलवाया जा रहा था।

एम्बुलेंस परिचालन में सारण बिहार ही नहीं देश का पहला ऐसा जिला है, जहां इतनी संख्या में सांसद निधि के एम्बुलेंस पिछले पांच वर्षों में संचालित किये जा रहे हैं। चालक विहीन एम्बुलेंस के परिचालन के लिए पूर्व में ही सांसद रुडी ने जिलाधिकारी सारण से विशेष रूप से आग्रह किया है कि एम्बुलेंस की उपलब्धता के बावजूद चालकों के अभाव के कारण इसका परिचालन नहीं हो पा रहा है।

इसलिए जिला में जितने भी ऐसे चालक है, जो वाहन की कमी के कारण परिचालन कार्य को नहीं कर पा रहे हैं। उनकी सूची बनाकर अविलम्ब उपलब्ध कराते हुए उन्हें एम्बुलेंस के चालक के रूप में प्रतिनियुक्त किया जाय और कोविड के कारण चालक विहीन इन सभी वाहनों का संचालन किया जाय। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी लगातार विज्ञापन दिये जा रहे है कि इसके लिए चालक की आवश्यकता है। वर्तमान में सांसद पंचायत एम्बुलेंस सेवा के तहत तीस पंचायतों के अतिरिक्त अन्य संस्थाओं को जोड़कर लगभग 50 एम्बुलेंस का परिचालन किया जा रहा है।

रुडी ने कहा कि पप्पू यादव ने अपने राजनीतिक जीवन में एक भी एम्बुलेंस का संचालन नहीं करवाया है और न ही जनसेवा का कोई ऐसा विषय उनके राजनीतिक जीवन में दिखता। सांसद ने पप्पू यादव को चुनौती देते हुए कहा कि वे अपने काफि़ले के साथ चलने वाले चालकों को एम्बुलेंस के संचालन के लिए कहे। यदि पप्पू यादव को इतनी ही पीड़ा है, तो अविलम्ब ड्राइवर की व्यवस्था करके सारण आये और चालक मुक्त जितने एम्बुलेंस मेरी व्यवस्था में है, उसे उनको परिचालन के लिए देने के लिए तैयार है।