वाराणसी

पराग डेयरी में बायोगैस एनर्जी प्लांट की होगी स्थापना


किसानों से दूध और गोबर दोनों खरीदे जाएंगे
  वाराणसी । औद्योगिक क्षेत्र में स्थित दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड वाराणसी के दुग्ध शाला परिसर पराग डेयरी में बायोगैस एनर्जी प्लांट की स्थापना की जाएगी । जिसमें किसानों से दूध के साथ-साथ उनके पशुओं के गोबर भी खरीदे जाएंगे । इसके अतिरिक्त नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत निकलने वाले कूड़े कचरे का भी इसमें प्रयोग करके एनर्जी का उत्पादन किया जाएगा । जिसका उपयोग चार लाख लीटर क्षमता वाले नवनिर्मित ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट के लिए ऊर्जा संरक्षण  और उसका उपयोग किया जाएगा ।  इस संबंध में शुक्रवार को दोपहर मे पराग डेयरी पहुंचे राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग और कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के अधिकारियों के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक  में यह निर्णय लिया गया ।  इस संबंध में बताया जाता है कि पराग डेयरी परिसर में बायोगैस एनर्जी प्लांट की स्थापना राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से मेसर्स एनर्जी ईफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के द्वारा किया जाना है । बायोगैस प्लांट के संचालन के लिए गोबर एवं निकाय क्षेत्रों से निकलने वाले कूड़े कचरे का उपयोग किया जाएगा । इस प्लांट की स्थापना और उसके उद्देश्यों को साकार करने के लिए भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह, बीके सिंह, प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबंध निदेशक रवि शंकर गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक ,एनर्जी ईफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के उच्चाधिकारियों द्वारा दुग्ध शाला परिसर का निरीक्षण एवं भ्रमण करने के उपरांत प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के वरिष्ठ प्रबंधक प्रवीण टंडन, पराग डेयरी के प्रबंधक डॉ एके शर्मा एवं अन्य अधिकारी गणों के साथ बैठक की गई  । जिसमें वर्चुअल रूप से कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा एवं प्रदेश के प्रमुख सचिव दुग्ध विकास एवं पशुपालन सुधीर गर्ग के द्वारा इसमें भाग लिया गया । जिसमें आपस में महत्वपूर्ण विचार विमर्श करने के बाद इस प्लांट में उपयोग हेतु किसानों से दूध के साथ-साथ गोबर भी खरीदे जाने का निर्णय लिया गया । जिससे किसानों को अतिरिक्त आय के साथ-साथ पर्यावरण भी प्रदूषण मुक्त होगा । बायोगैस प्लांट से उत्पादित एनर्जी का उपयोग ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट के संचालन में करने से पराग डेयरी आत्मनिर्भर हो जाएगी । बैठक के बाद अधिकारी वापस लौट गए । जिसके बाद पराग डेयरी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने राहत की सांस ली ।