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‘पहले बहाल किया जाए जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा, फिर हों चुनाव’, बोले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद


  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने रविवार को उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार (Central Government) जम्मू कश्मीर के मुख्य धारा के सियासी दलों की चुनावों से पहले पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की मांग को खारिज नहीं करेगा और पूर्ववर्ती राज्य का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा किसी को “स्वीकार्य नहीं” है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा गुरुवार को बैठक के लिए बुलाए गए जम्मू कश्मीर से 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे आजाद ने कहा कि संवाद की प्रक्रिया “सिर्फ एक शुरुआत है” और पूर्ववर्ती राज्य में विश्वास और भरोसा कायम करने की जिम्मेदारी अब केंद्र की है. पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने कहा, “वहां एक बात थी कि सभी को खुलकर बोलने को कहा गया. मुझे लगता है कि सभी नेताओं ने बेहद खुलेपन से अपनी बात रखी और महत्वपूर्ण बात यह कि किसी को लेकर कोई गलत मंशा नहीं थी.”

आजाद (72) ने कहा कि उन्होंने बैठक में यह स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के लिए केंद्र शासित क्षेत्र का दर्जा स्वीकार्य नहीं है, जिसका वहां मौजूद सभी राजनेताओं ने समर्थन किया. आजाद के अलावा तीन और पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी इस बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे.

‘राज्य का दर्जा बहाल किया जाए, फिर हो चुनाव’

आजाद ने कहा, “इसलिये, हमने अपनी बात स्पष्ट कर दी. हम चाहते थे कि पहले राज्य का दर्जा बहाल किया जाए और उसके बाद चुनाव होने चाहिए. स्वाभाविक रूप से, उन्होंने (केंद्र ने) प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन सभी राजनीतिक दलों का संयुक्त रुख था कि पहले राज्य का, पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए और फिर उसके बाद चुनाव होने चाहिए.”

यह पूछे जाने पर कि केंद्र द्वारा पहले राज्य का दर्जा देने की मांग पर सहमत होने की कितनी गुंजाइश है, राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा कि वह आशावादी हैं, “कम से कम उन्होंने इनकार नहीं किया.” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि चीजें अब बदल गई हैं. प्रधानमंत्री ने जितना समय दिया, उन्होंने बीती बातों को भूल जाने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया. इस बैठक ने चिंताओं और मुद्दों को समझने का महत्वपूर्ण अवसर दिया.” प्रधानमंत्री के साथ इन नेताओं की बैठक करीब साढ़े तीन घंटे चली.