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पाकिस्तानसे आयी गीताको तेलंगाना के परिवारने बताया अपनी बेटी


इंदौर(आससे.)। पाकिस्तान से पांच साल पहले भारत लौटी मूक-बधिर गीता को तेलंगाना के एक परिवार ने अपनी बेटी होने का दावा किया है। इसकी सूचना देने तेलंगाना निवासी बुल्ला स्वामी और बुल्ली श्याम सुंदर आज इंदौर डीआईजी ऑफिस पहुंचे। तेलंगाना का यह परिवार को अपनी बेटी साबित करने के लिए यह परिवार डीएनए करवाने के लिए भी तैयार है। हालांकि गीता ने उन्हें अपनी माता पिता स्वीकार करने से मना कर दिया और कहा कि वह अपने पिता का चेहरा अच्छी तरह पहचानती है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों माता पिता की तलाश करने तेलंगाना पहुंची गीता ने जो जो बाते कही थी वो दावा करने वाले दंपति से बहुत हद तक मेल खाती है। पाकिस्तान से भारत आई गीता को अपनी बेटी बताने वाले बुल्ला स्वामी और बुल्ली श्याम सुंदर इंदौर के डीआईजी कार्यालय पहुंचे। इसके बाद आनंद सर्विस सोसायटी के डायरेक्टर साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र पुरोहित के साथ गीता भी डीआईजी कार्यालय पहुंची ।
जहां पर तेलंगाना से आए परिवार और गीता ने साइन लैंग्वेज से बात करने का प्रयास किया वह अपने साथ कई पुराने फोटो साथ लेकर आए थे जिसके आधार पर भी दावा कर रहे हैं कि गीता उन्हीं की बेटी है। वही गीता ने कुछ देर चर्चा करने के बाद ही तेलंगाना से आए परिवार को अपना परिवार मानने से इनकार कर दिया उसका कहना है कि वह अपने पिता के चेहरे को अच्छे से जानती है और फिलहाल बुल्ला स्वामी का चेहरा उनके पिता से नहीं मिलता। इंदौर डीआईजी से मुलाकात के बाद गीता को फिर से तेलंगाना ले जाया जाएगा जहां पर दो-तीन एरिया और बाकी है जिसके आधार पर वहां की संस्थाओं के साथ मिलकर गीता के परिवार को ढूंढने का प्रयास तेज किया जाएगा तेलंगाना से आए परिवार के अलावा भी दो और पेरेंट्स ने गीता को अपने बेटी होने का दावा पेश किया है जो कि जल्द इंदौर आ सकते हैं। तेलंगाना से आए स्वामी का कहना है कि उनके भाई की बेटी भी 15 – 20 साल पहले गुम गई थी और वह भी बोलने और सुनने में असमर्थ थी और वह डीएनए टेस्ट करवाने के लिए भी तैयार है। वही ज्ञानेंद्र पुरोहित का कहना है फिलहाल गीता ने अपनी असहमति दी है और क्योंकि वह बालिग है इसलिए डीएनए टेस्ट के लिए फोर्स नहीं कराया जा सकता ।