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पाक में सताए गए हिंदू और सिख डाक्टर भारत में कर सकेंगे प्रैक्टिस, NMC ने खोले द्वार


नई दिल्ली, हिंदू और सिख समेत पाकिस्तान में सताए गए अन्य अल्पसंख्यक डाक्टरों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जाएगी। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने उनके लिए देश में चिकित्सक के रूप में सेवा देने के द्वार खोल दिए हैं। 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों को इसका लाभ मिलेगा। एनएमसी ने ऐसे लोगों के आवेदन आमंत्रित किए हैं, जिन्होंने आधुनिक चिकित्सा या एलोपैथी में काम करने की खातिरस्थायी रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त की है।

एनएमसी के स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड के अनुसार-

आवेदक के पास चिकित्सा क्षेत्र में वैध योग्यता होनी चाहिए। भारत आने से पहले पाकिस्तान में चिकित्सक के रूप में सेवा दे चुके लोग इसके दायरे में आएंगे। एनएमसी के स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड (यूएमईबी) द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, चयनित आवेदकों को आयोग या उससे अधिकृत एजेंसी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। एनएमसी ने जून में विशेषज्ञों के एक समूह का गठन किया था, ताकि पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यक चिकित्सा स्नातकों के लिए प्रस्तावित परीक्षा संबंधी दिशा-निर्देश तैयार किए जा सकें।

चिकित्सा क्षेत्र में स्थायी रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भारत की नागरिकता ले चुके लोगों को इस परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा। यूएमईबी के अनुसार, आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि पांच सितंबर है। एनएमसी की वेबसाइट पर जाकर इस परीक्षा के लिए फार्म भरा जा सकता है। आवेदकों से कहा गया है कि वे आनलाइन फार्म भरते समय दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें। आफलाइन आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।