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पीएम की सुरक्षा में चूक मामले में गृह मंत्रालय ने पंजाब के डीजीपी को जारी किया नोटिस


चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फिरोजपुर यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक को लेकर गृह मंत्रालय ने डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को नोटिस जारी किया है और उनसे आज शाम तक जवाब मांगा है। कहा गया है कि अगर आपने जवाब नहीं दिया जाएगा तो माना जाएगा कि आपको इस मामले में कुछ नहीं कहना और आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि वीवीआइपी की सुरक्षा को आपने उचित गिनती में सुरक्षाकर्मियों को नहीं लगाया गया। आपने रोड के खाली होने संबंधी एसपीजी को गलत सूचना दी और कहा कि रूट साफ है और वीवीआइपी इस रोड के जरिए जा सकते हैं। इसके अलावा उचित मात्रा में सुरक्षा प्रबंधों का भी ख्याल नहीं रखा गया है, इसलिए आपके खिलाफ कार्रवाई की जानी बनती है।

अपने दो पन्नों के पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा है कि 5 जनवरी को प्रधानमंत्री की फिरोजपुर में विजिट थी जिसके लिए राज्य सरकार को पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध करने थे। इस संबंधी राज्य सरकार को पहले से ही जानकारी दे दी गई थी कि प्रधानमंत्री बठिंडा एयरपोर्ट पर हवाई जहाज के जरिए आएंगे और यहां से हुसैनीवाला में हेलीकाप्टर के जरिए जाएंगे, लेकिन भारी बरसात और मौसम साफ न होने के कारण बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन पर 20 मिनट मौसम साफ होने का इंतजार किया गया।

डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस के हुसैनीवाला तक रूट साफ और सुरक्षित होने की सूचना मिलने के बाद यह फैसला लिया गया कि प्रधानमंत्री सड़क मार्ग के जरिए राष्ट्रीय शहीद स्मारक हुसैनीवाला जाएंगे जो लगभग 2 घंटे का सफर है। आगे कहा गया कि राष्ट्रीय शहीद स्मारक से 30 किलोमीटर पहले जब पीएम का काफिला पहुंचा तो पाया गया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को जाम किया हुआ है, जिस कारण काफिले को प्रदर्शनकारियों की साइट से 100 मीटर पहले ही रोक लिया गया। यह किसी भी वीवीआइपी की सुरक्षा में बड़ी कोताही और सुरक्षा में चूक है जिसके चलते काफिला वापस बठिंडा एयरपोर्ट पर आ गया।

पत्र में डीजीपी से कहा गया कि 1 और 2 जनवरी को एएसएल की मीटिंग में तय सभी प्वाइंट्स पर सुरक्षा को देखे बगैर रूट के क्लियर होने की आपने जानकारी दी। पत्र में यह भी कहा गया कि ब्लू बुक और स्थापित नियमों के मुताबिक सुरक्षा और वीवीआइपी की लॉजिस्टिक आदि के प्रबंध करने की जिम्मेदारी पंजाब के डीजीपी के तौर पर आप पर थी, लेकिन यह देखने में आया है कि सुरक्षाकर्मियों को लगाने का काम सही ढंग से नहीं किया गया।