- कोविड पर संसदीय सौंध में सभी सांसदों के लिए प्रधानमंत्री के संयुक्त संबोधन की पेशकश पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई। विपक्षी सांसदों ने कहा कि संसद सत्र जारी रहने के दौरान ऐसा करना ‘गैर जरूरी’ और नियमों को ‘दरकिनार’ करने वाला है। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सांसद सरकार या प्रधानमंत्री द्वारा किसी कान्फ्रेंस कक्ष में कोविड-19 पर दिखावटी प्रस्तुति नहीं चाहते।
विपक्षी दलों ने कोविड पर संसदीय सौंध में सभी सांसदों के लिए प्रधानमंत्री के संयुक्त संबोधन की पेशकश को लेकर रविवार को आपत्ति जताई। साथ ही कहा कि संसद का सत्र जारी रहने के दौरान ऐसा करना ‘गैर जरूरी’ होगा और इस कदम का मकसद नियमों को ‘दरकिनार’ करना है। तृणमूल कांग्रेस और माकपा समेत अन्य दलों के नेताओं ने कहा कि जब कोविड महामारी और इससे संबंधित मुद्दों पर संसद में चर्चा की जा सकती है तो इसके लिए ”बाहर” जाने की क्या जरूरत है? सौंध संसद भवन परिसर में स्थित एक अलग भवन है।
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के एक दिन पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जुलाई को दोनों सदनों के सदस्यों को कोविड महामारी पर संबोधित करेंगे। सर्वदलीय बैठक में 33 पार्टियों ने हिस्सा लिया।
बैठक के दौरान मौजूद रहे तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘ससंद से बाहर जाने की क्या जरूरत है? कोई भी संबोधन सदन के भीतर होना चाहिए। यह संसद के नियमों को दरकिनार करने का एक और तरीका है। संसद का मजाक बनाना बंद करें। मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कितना आगे जाएंगे? जब हम सोचते हैं कि वे अब और नीचे नहीं जाएंगे, तब वे सदन के भीतर नहीं बल्कि सौंध में संबोधित करना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘सांसद इस सरकार या प्रधानमंत्री द्वारा किसी कान्फ्रेंस कक्ष में कोविड-19 पर कोई दिखावटी प्रस्तुति नहीं चाहते। संसद का सत्र जारी रहेगा। ऐसे में सदन के पटल पर आएं।’ अन्य विपक्षी दलों के सूत्रों ने भी जोशी की इस पेशकश को खारिज करने की पुष्टि की। साथ ही कुछ नेताओं ने केंद्रीय हॉल में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का सुझाव दिया।