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पीएम मोदी ने MSME को दी कई सौगातें, बोले- हमारी सरकार ने कोरोना काल में भी छोटे उद्यमों का नहीं छोड़ा साथ


नई दिल्ली, । ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के एमएसएमई क्षेत्र के लिए कई योजनाओं की नई विशेषताओं का शुभारंभ किया। पीएम ने इस कार्यक्रम में एमएसएमई क्षेत्र के उत्कृष्ट लोगों को पुरस्तृक भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत का एक्सपोर्ट लगातार बढ़े, भारत के प्राडक्ट्स नए बाजारों में पहुंचें इसके लिए देश के MSME सेक्टर का सशक्त होना बहुत जरूरी है। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार इस क्षेत्र के सामर्थ्य, इस सेक्टर की असीम संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है और नई नीतियां बना रही है। उन्होंने कहा कि अब रेहड़ी-पटरी वालों को भी बिना गारंटी के लोन मिल रहा है।

MSME बजट में 650 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी

पीएम ने अपने संबोधन में बताया कि MSME सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने पिछले आठ साल में इस क्षेत्र के बजट में 650 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी की है। पीएम ने कहा कि हमारे लिए एमएसएमई का मतलब- मैक्सिमम स्पोर्ट टू माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजिज (Maximum Support to Micro Small and Medium Enterprises) है।

कोरोना काल में भी नहीं छोड़ा साथ

पीएम ने इस बीच कोरोना काल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब देश में 100 साल का सबसे भीषण संकट भी आया तब भी हमारी सरकार ने अपने छोटे उद्यमों का साथ नहीं छोड़ा और उन्हें नई ताकत देने का भी काम किया। पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत कोरोना काल में MSMEs क्षेत्र को साढ़े 3 लाख करोड़ की मदद दी।

योजनाओं की नई विशेषताओं का किया शुभारंभ

पीएम ‘एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने एवं तेज करने’ (आरएएमपी) और ‘पहली बार के निर्यातक एमएसएमई के लिए क्षमता निर्माण’ (सीबीएफटीई) योजना (सीबीएफटीई) और ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (पीएमईजीपी) योजानाओं की नई विशेषताओं की शुरुआत भी की।

राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार किए वितरित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के एमएसएमई क्षेत्र के विकास और विकास में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एमएसएमई, राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों, आकांक्षी जिलों और बैंकों के योगदान की मान्यता के लिए राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार 2022 वितरित किए।

पीएमईजीपी लाभार्थियों को दी  500 करोड़ से ज्यादा की डिजिटल सहायता 

पीएम मोदी ने योजनाओं की शुरुआत के साथ ही 2022-23 के लिए पीएमईजीपी के 18000 लाभार्थियों को डिजिटल रूप से 500 करोड़ से ज्यादा की सहायता राशि भी हस्तांतरित की। इस कार्यक्रम में एमएसएमई आइडिया हैकथान 2022 के परिणामों की घोषणा, राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार और आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) फंड में 75 एमएसएमई को डिजिटल इक्विटी प्रमाणपत्र भी जारी किए गए।

एमएसएमई के उत्थान के लिए सरकार वचनबद्ध

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरायण राणे ने कहा कि सरकार एमएसएमई के उत्थान के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और इसी के चलते आज नई विशेषताओं का शुभारंभ किया जा रहा है।

MSME के लिए पहले से चल रही कई योजनाएं

बता दें कि सरकार पहले भी समय-समय पर MSME क्षेत्र को आवश्यक और समय पर सहायता प्रदान करने के लिए MUDRA योजना, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना और पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए फंड की योजना (SFURTI) जैसी कई पहल शुरू कर चुकी है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ हुआ है।

पीएमईजीपी में अब मिलेगी कई सुविधाएं

‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (पीएमईजीपी) की नई विशेषताओं के शुभारंभ से एमएसएमई को काफी फायदा होने वाला है। इसके तहत विनिर्माण क्षेत्र के लिए अधिकतम परियोजना लागत में 50 लाख रुपये (25 लाख रुपये से) और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये (10 लाख रुपये से) की वृद्धि की जाएगी। वहीं नई योजना के तहत अब आकांक्षी जिलों और ट्रांसजेंडरों के आवेदकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। साथ ही, आवेदकों और उद्यमियों को बैंकिंग, तकनीकी और विपणन विशेषज्ञों की नियुक्ति के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।