News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

पीएम मोदी ने NEET में OBC आरक्षण पर दिया अहम निर्देश,


  • ओबीसी आरक्षित सीटों के सभी विवादों को जल्द सुलझा लिया जाए। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे। स्नातक की 15% और स्नातकोत्तर की 50% सीटों को अखिल भारतीय कोटा के रूप में निर्धारित किया गया है।

OBC reservation in AIQ medical seats: पीएम नरेंद्र मोदी ने मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण की मांग को लेकर समीक्षा की। पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया कि सभी मंत्रालय जल्द से जल्द मेडिकल सीट्स में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी आरक्षित सीटों के सभी विवादों को जल्द सुलझा लिया जाए।

उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्य में विधानसभा चुनाव है। पंजाब छोड़कर चार राज्यों में भाजपा सरकार है। इस बैठक में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल सीटों में अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण का मुद्दा जल्द ही “सर्वोच्च प्राथमिकता पर” हल किया जाए।

‘मौजूदा परिस्थितियों में, राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्नातक की 15% और स्नातकोत्तर की 50% सीटों को अखिल भारतीय कोटा के रूप में निर्धारित किया गया है। इस कोटे में प्रवेश के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण है, लेकिन ओबीसी के लिए कोई आरक्षण नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि ओबीसी छात्रों की लंबे समय से चली आ रही इस मांग को जल्द से जल्द हल किया जाए, जबकि कई मामले देश भर की विभिन्न अदालतों में कई वर्षों से लंबित हैं। मोदी ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण लागू करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने मंत्रालय से चिकित्सा शिक्षा के विभिन्न संस्थानों में ईडब्ल्यूएस कोटा लागू करने की स्थिति की समीक्षा करने को भी कहा है।

ओबीसी आरक्षण पर निर्णय लेने के कगार पर केन्द्र सरकार : सॉलिसिटर जनरल

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीटों के अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) के तहत ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने के बारे में निर्णय लेने के कगार पर है। जब द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की अवमानना ​​याचिका आज आगे की सुनवाई के लिए आई तो मेहता ने मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पहली पीठ को बताया कि प्रक्रिया अंतिम चरण में है।