बेंगलुरु में जन्मीं 36 साल की करुणा ने पांच टेस्ट मैच में 195 रन बनाए जबकि इस दौरान 40 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। उन्होंने नवंबर 2005 में दिल्ली में इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट पदार्पण किया। उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट अगस्त 2014 में इंग्लैंड के विरुद्ध वार्म्सले में खेला था।
करुणा ने 44 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और एक शतक तथा नौ अर्धशतक की मदद से 987 रन बनाए। इस प्रारूप में 103 रन उनका सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर रहा। उन्होंने 2004 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध इस प्रारूप में पदार्पण किया और 50 ओवर का अपना अंतिम वनडे मैच इंग्लैंड के विरुद्ध 2014 में खेला। उन्होंने अपने पदार्पण मैच में 64 रन बनाए थे।
करुणा ने नौ टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और इस प्रारूप में भी भारत के लिए अंतिम मैच 2014 में ही खेला। उन्होंने अपना टी-20 पदार्पण पाकिस्तान के विरुद्ध किया। करुणा ने अपने टेस्ट करियर में 17 शिकार किए जो अंजू जैन के 23 शिकार के बाद भारत की किसी महिला विकेटकीपर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
उन्होंने वनडे अंतरराष्ट्रीय और टी-20 प्रारूप में क्रमश: 58 और 12 शिकार किए। करुणा ने अपने सभी कोच और टीम के साथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘मैं इस मौके पर उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जो शुरुआत से ही मेरे क्रिकेट सफर का हिस्सा रहे जिसमें मेरे कोच, सहयोगी स्टाफ और टीम के मेरे साथी शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक ने मुझे खेल और जीवन के बारे में कुछ अलग सिखाया और मैं वह खिलाड़ी तथा इंसान बनी जो आज हूं।’