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पेट्रोल-डीजल तथा अन्य वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच लगेगा महंगी स्कूल फीस का झटका


लखनऊ, । बीते एक महीने से पेट्रोल तथा डीजल के लगातार बढ़ते दाम से महंगाई में इजाफा हो रहा है। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के फीस में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी देकर जनता पर बोझ और बढ़ा दिया है। सरकार ने फीस में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही सलाह भी दी है कि फीस दस प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ेगी।

उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम से अब पढ़ाई महंगी होगी। निजी स्कूलों का तर्क है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण दो शैक्षिक सत्रों से फीस नहीं बढ़ी थी। इनका कहना है कि सरकार ने शुल्क बढ़ोतरी पर रोक लगाई थी जो अब हटा ली गई है। निजी स्कूल बीते दो शैक्षिक सत्र से आनलाइन क्लास संचालित कर रहे थे। यह सभी सरकार पर फीस वृद्धि को लेकर दबाव बनाने में सफल रहे।

उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की फीस अब 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ेगी। कोरोना के कारण निजी स्कूलों की शुल्क बढ़ोतरी पर लगाई गई रोक हटा ली गई है। बीते दो शैक्षिक सत्रों वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 में कोविड के कारण फीस नहीं बढ़ाई गई थी। वर्तमान शैक्षिक सत्र 2022-23 से फीस बढऩे से अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ेगा। उन्हें अब ज्यादा फीस देनी होगी। बीती सात जनवरी 2022 को कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इस सत्र में भी फीस बढ़ाने पर रोक लगाई गई थी लेकिन अब इसे हटा लिया गया है।

 

अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने फीस बढ़ोतरी के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि शैक्षिक सत्र 2022-23 में फीस बढ़ोतरी के लिए नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार माना जाए और इसमें वर्ष 2019-2020 की फीस में अधिकतम पांच प्रतिशत की वृद्धि कर इसे जोड़ लें। यानी इस समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 5.06 प्रतिशत है और इसमें 5 प्रतिशत जोडऩे पर कुल बढ़ोतरी 10.06 प्रतिशत होगी। यानी अगर किसी विद्यार्थी की मासिक फीस 1000 रुपये है तो उसमें 100 रुपये की वृद्धि होगी। अब उसे प्रति माह 1100 रुपये फीस देनी होगी।