पटना। प्यार अगर सच्चा हो तो धर्म और मजहब की दीवार मंजिल को पानी से नहीं रोक सकती। ऐसा ही एक मामला बिहार के छपरा में सामने आया है जहां समाज की रूढियों को तोड़ते हुए रुबीना खातून ने अंकित का हाथ थाम लिया और मंदिर में जाकर शादी रचा ली। इस शादी को सामाजिक मान्यता भी मिल गई क्योंकि दोनों ही धर्मों के लोगों ने नवविवाहित जोड़े को शुभकामनाएं दी। भेल्दी में अलग-अलग धर्म होने बावजूद शादी करने वाले इस जोड़े को लोग आशीर्वाद देने पहुंचे और दोनों के परिवारों ने भी इस शादी को सहमति दे दी।
मिली जानकारी के अनुसार भेल्दी थाना क्षेत्र के बेडवालिया गांव निवासी नासिर अंसारी की पुत्री रूबीना खातून और उसी गांव के दिनेश सिंह के पुत्र अंकित कुमार लंबे समय से एक दूसरे से प्रेम करते थे। काफी समय से परिजन भी इसका विरोध कर रहे थे, परंतु दोनों की बेइंतहा मोहब्बत नहीं रुकी। अंत में बच्चों की जिद के आगे परिजनों को हार माननी पड़ी। प्रेमी और प्रेमिका के माता-पिता और अन्य अभिभावकों ने मिलजुल कर दोनों की शादी कराने का निर्णय किया। सुप्रसिद्ध अंबिका भवानी मंदिर, आमी में दोनों ने साथ जीने और साथ मरने की कसमें खा कर एक दूसरे के साथ सात जन्म तक साथ निभाने का वादा किया और एक दूसरे को समाज के सामने जीवन साथी चुना।
इस प्यार की चर्चा गांव में लोगों के बीच काफी तेजी से हो रही है। रुबीना खातून ने बताया कि उसने निर्णय ले लिया था कि शादी अंकित से ही करेगी या कुंवारी रहेगी या जान दे देगी। उसे खुशी है कि उसके परिवार ने उसकी खुशियों को देखा और शादी की सहमति दे दी। दो अलग-अलग धर्म के होने के बाद भी परिवार की रजामंदी से हुई इस शादी से लोग काफी खुश दिखे।