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प्रयागराज से काशी तक चलेगी वंदे भारत मेट्रो, कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाएगा सफर- मिलेंगी ये सुविधाएं


प्रयागराज, । रेल बजट पर प्रयागवासियों की निगाहे टिकी थीं। उम्मीद के मुताबिक संगम नगरी को बड़ा उपहार मिला है। प्रयागराज से वाराणसी के लिए वंदे भारत मेट्रो चलेगी। 10 कोच की यह ट्रेन तेज यात्रियों को सुगम सफर का आनंद देगी। 125-130 किमी की गति से चलने वाली इस ट्रेन से प्रयाग-काशी की दूरी कुछ मिनटों में ही सिमट जाएगी।

ये मिलेंगी सुविधाएं

नवीनतम तकनीक, हाईटेक सुविधाएं, पूर्णत: वातानुकूलित और वाईफाई से लैस यह ट्रेन वंदे भारत का ही मिनी रूप है। प्रतिदिन यात्रा करने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन का खाका तैयार किया गया है। कम समय में लोग ऑफिस या जरूरी काम के लिए आ-जा सकेंगे और ट्रैफिक में फंसने की समस्या भी नहीं होगी। काशी विश्वनाथ का दर्शन करने वालों और प्रयाग-काशी के बीच पर्यटन को इस ट्रेन से बढ़ावा मिलेगा।

विदेशी यात्रियों को भी भाएगी यह सौगात

कुंभ के आयोजन से प्रयागराज को विश्व भर में ख्याती मिली है। ऐसे में प्रयागराज को सौगात में मिली यह विशेष ट्रेन विदेशी यात्रियों को भी भाएगी। 10 कोच की वंदे भारत मेट्रो प्रयागराज से 100 किमी की दूरी वाले शहर को जोड़ने के लिए चलाई जाएगी। तैयारी है कि एक घंटे से भी कम समय में दो शहरों के बीच की दूरी तय हो जाए। यह ट्रेन यूपी के कई अन्य शहरों को भी मिलेगी, जिसमें लखनऊ से कानपुर के लिए प्रथम चरण में ही व्यवस्था होगी।

प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल ग्वालियर स्टेशन का होगा पुनर्विकास

एक फरवरी को संसद में पेश हुए आम बजट के बाद उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) को क्या मिला है, इसकी स्थिति साफ हो गई है। रेल मंत्रालय द्वारा पिंक बुक जारी की गई है। एनसीआर को इस बार लगभग 92 अरब रुपये एनसीआर को का बजट मिला है। इस बजट से ही अब एनसीआर विभिन्न कार्य कराएगा। काफी समय से अधर में लटके फ्लाई ओवर, स्टेशन पुनर्विकास के लिए दस-दस लाख रुपए मिले हैं, जिससे अब इनके कार्य में तेजी आएगी।

देश के अन्य राज्यों में से यूपी को सबसे ज्यादा 175.07 अरब रुपये मिले हैं, जिसमें से 91.83 अरब रुपये सिर्फ एनसीआर के खाते में आए हैं। इस रुपये से ट्रैक दोहरी करण, तीसरी लाइन, चौथी लाइन के साथ आधारभूत संरचना पर व्यापक काम होगा। सड़क संरक्षा और रेल ओवर ब्रिज व रेल अंडर ब्रिज निर्माण के कार्य को अब दोगुनी रफ्तार दी जाएगी। जबकि सिग्नलिंग, लेवल क्रासिंग व ट्रैक नवीनीकरण को प्राथमिक अंब्रैला वर्क में रखा जाएगा। एनसीआर के खाते में कई महत्वपूर्ण कार्य जुड़ गए हैं।

इसमें प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, ग्वालियर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास भी शामिल है। इसी तरह से प्रयागराज, आगरा, झांसी मंडल में अमृत रेलवे स्टेशन के तहत 46 स्टेशनों का भी पुनर्विकास होगा। एनसीआर के तीनों जोन में रेल ट्रैक नवीनीकरण के साथ ही गाजियाबाद से पीडीडीयू तक कवच प्रणाली का कार्य कराया जाएगा। वहीं मिशन रफ्तार के तहत 160 किमी की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली-मुंबई रूट पर दीवार बनाने और रूट पर मेटल बीम फेंसिंग का कार्य भी तेज गति से होगा।

यूपीए सरकार से करते रहे तुलना

शुक्रवार को पिंक बुक और रेलवे बजट पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कांफ्रेसिंग में जानकारी साझा की। हर राज्यों को धन आवंटन की जानकारी देते हुए यूपीए सरकार से तुलना करते नजर आए। दिल्ली को बजट देने के साथ उन्होंने बिना अरविंद केजरीवाल का नाम लिए उन पर निशाना भी साधा कि वह भी इस बजट को देख लें कि कितना ज्यादा पैसा दिया गया है। उन्होंने हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर आदि को दिए गए बजट पर भी जानकारी दी। आगामी चुनाव के देखते हुए इस बार बजट में यूपी को प्राथमिकता दी गई।

एनसीआर यहां करेगा खर्च

  • दोहरी लाइन बिछाने के लिए- 2774 करोड़ रुपये
  • गेज परिवर्तन – 866 करोड़ रुपये
  • रेल ट्रैक नवीनीकरण – 800 करोड़ रुपये
  • यात्री सुविधाएं – 779 करोड़ रुपये
  • आरओबी/आरयूबी निर्माण – 739 करोड़ रुपये
  • सिगनलिंग एवं दूरसंचार – 500 करोड़ रुपये
  • कर्मचारी कल्याण – 27 करोड़ रुपये