पुरी, । ओडिशा की दो दिवसीय यात्रा पर गयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज भक्त का भगवान के प्रति रहने वाली श्रद्धा का अनुपम उदाहरण पेश किया। त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था, बुलेट प्रूफ गाड़ी होने के बावजूद महामहिम ने एक आम भक्त की तरह दोनों हाथ जोड़कर नीलचक्र को देखते हुए बड़दांड की मिट्टी को सिरमाथे लगाने का साथ पैदल चलकर जगन्नाथ महाप्रभु के दरबार में हाजिरी लगायी है।
एक आम भक्त जिस प्रकार से महाप्रभु के दरबार में जाता है, नील चक्र को देखकर महाप्रभु को प्रणाम करता है, ठीक उसी तरह से राष्ट्रपति भी श्रीमंदिर के सामने पहुंची। इतना ही नहीं श्रीमंदिर के बाहर लगे नल के पास गई और वहां पर आम भक्त की ही हाथ-पैर धोकर मंदिर में प्रवेश किया।
सुरक्षा कर्मचारी चकित हो गए
जानकारी के मुताबिक ब्लू बुक सिक्योरिटी के बीच राष्ट्रपति का काफिला जैसे ही बड़दांड में मौसी मां चौक के पास पहुंचा। राष्ट्रपति ने अपनी गाड़ी को रोकने को कहा। अचानक वह गाड़ी से नीचे उतर गई। राष्ट्रपति के गाड़ी से उतरते देख उनकी सुरक्षा में तैनात तमाम सुरक्षा कर्मचारी चकित हो गए।
बड़दांड की मिट्टी को सिर माथे लगाया
वह कुछ समझ पाते महामहिम राष्ट्रपति ने जगन्नाथ मंदिर के ऊपर लगे नीलचक्र को देखा और वहीं से महाप्रभु को दंडवत प्रणाम किया, बड़दांड की मिट्टी को सिर माथे लगाया। राष्ट्रपति का यह सिलसिला मौसी मां चौक से लगभग डेढ़ किमी दूर जगन्नाथ मंदिर तक जारी रहा है। राष्ट्रपति नील चक्र को देखती और फिर दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करते हुए आगे बढ़ती।
महाप्रभु के दरबार में हर कोई एक समान
राष्ट्रपति के महाप्रभु के इस श्रद्धा ने एक तरफ जहां भक्त का भगवान के प्रति अटूट श्रद्धा एवं विश्वास को प्रदर्शित किया, वहीं यह संदेश देने का भी प्रयास किया कि महाप्रभु के दरबार में हर कोई एक समान है। महाप्रभु के दरबार में जाने वाला कोई व्यक्ति ना बड़ा होता है और ना ही छोटा होता है।
वहीं राष्ट्रपति के स्वागत में खड़े स्कूली बच्चों से एक राष्ट्रपति के रूप में नहीं बल्कि एक शिक्षिका के रूप में मुलाकात की उनसे हाथ मिलाया। राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, केन्द्र शिक्षामंत्री धर्मेन्द्र प्रधान प्रमुख उपस्थित थे।